गुजराती समाज प्रबंधन ने अपने पांचों कॉलेजों में एक माह का अवकाश घोषित किया…

कोरोना महामारी को देखते हुए गुजराती समाज प्रबंधन ने अपनी शिक्षण संस्थाओं को एक माह के लिए बंद कर दिया है, इसमें चार अनुदान प्राप्त कॉलेज भी शामिल है। खास बात तो यह है कि इस अवकाशकाल में भी स्टॉफ को वेतन दिया जाएगा। इसे देखते हुए अन्य कॉलेजों का स्टाफ भी सरकार से एक माह कॉलेज बंद रखने की मांग कर रहा है। 15 अप्रैल तक कॉलेजों में छात्रों के लिए अवकाश रखा है लेकिन स्टाफ को बुलाया जा रहा है। आज सुबह ही आईपीएस कॉलेज की एनसीसी आफिसर प्रीति रसोला के निधन की खबर आई है।
गुजराती कॉलेज प्रबंधन ने 1 अप्रैल से अपने पांच कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया है। यह अवकाश 30 अप्रैल तक रहेगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष पंकज संघवी ने विहान हिंदुस्तान न्यूज को बताया हमने कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए हमारे गुजराती आटर््स, साइंस, वाणिज्य, एमकेएचएस गुजराती गर्ल्स कॉलेज व इनोवेटिव कॉलेज में अवकाश घोषित कर दिया है। यहां सिर्फ प्राचार्य व उनके स्टॉफ को बुलाया गया है ताकि शासन के आदेशों या उन्हें किसी जानकारी का अभाव न हो। सरकार से सामंजस्य बना रहे। हमारे प्रत्येक कॉलेज में 50 से 100 लोगों का स्टॉफ है जिन्हें हम अवकाश के दौरान भी वेतन देंगे।
उधर, अन्य कॉलेजों के प्राध्यापकों व सहायक प्राध्यापकों के साथ अन्य स्टाफ का कहना है सरकार हमें भी अवकाश दे। छात्रों की तो यूं ही छुट्टी है लेकिन स्टाफ को आना पड़ रहा है। प्रीति रसोला की कोरोना से मृत्यु ने सभी को झकझोर दिया है। इससे पहले माता जीजाबाई शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्रोफेसर अमिताभ श्रीवास्तव व एक लैब टैक्नीशियन की भी विगत पंद्रह दिनों पहले कोरोना से मौत हुई है। जीजाबाई कॉलेज व आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज में मिलकर ही 30 से ज्यादा कोरोना पॉजीटिव केस आ चुके हैं। लगभग हर कॉलेज में कोरोना पॉजीटिव की संख्या एक दर्जन या इससे अधिक तो देखने में आ ही रही है। अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग डॉ. सुरेश सिलावट ने विहान हिंदुस्तान न्यूज को बताया मैं प्रत्येक कॉलेज की व्यवस्था पर ध्यान रख रहा हूं। सभी स्टाफ को कहा गया है वे बचाव के साधन अपनाए। सैनेटाइजर का समय-समय पर उपयोग करें और मास्क पहने। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करें।

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