2022 के शुरुआती कुछ महीने होंगे दिक्कतभरे, इसके बाद आएंगे अच्छे दिन

पंडित राजेश चौबे (विहान हिंदुस्तान न्यूज)
नया साल यानि 2022 सामने खड़ा है। 2020 और 2021 को कोरोना वायरल ने बहुत ही दुखद बनाया था। इसके कारण जहां कई लोगों ने अपनों को खोया तो अधिकांश लोगों के रोजगार, व्यापार-व्यवसाय पर भी यह असर दिखा गया। कुल मिलाकर लोग इस बीमारी से हैरान-परेशान हैं और 2022 में इसके क्या प्रभाव क्या होंगे उस ओर जिज्ञासावश देख रहे हैं। ..लेकिन आने वाला साल कोरोना की विदाई का होगा किंतु जाते-जाते यह फिर अपना रंग दिखा सकता है। विदाई से तात्पर्य इसके पूरी तरह से समाप्त होने पर नहीं है लेकिन इसका प्रभाव बहुत कमजोर हो जाएगा।कोरोना के इतर बात करें तो देश-दुनिया का क्या होगा? साल के शुरुआती महीने खासकर जनवरी व फरवरी में बर्फबारी, वर्षा के अलावा प्राकृतिक असंतुलन धरती पर कुछ जगह विनाषकारी बनकर आ सकते है। कोरोना का प्रकोप भी रहने की संभावना है लेकिन यह मई के बाद लगभग समाप्त हो जाएगा। मई से पहले राजनेताओं, स्टार्स, बड़े अधिकारियों के लिए कुछ बुरा हो सकता है। महंगाई बढ़ने के साथ आतंकवादी घटनाएं, आंदोलन भी तेज होंगे। शत्रु देशों में तनाव युद्ध के मैदान तक पहुंचने की संभावना भी देखी जा सकती है। 17 मई के बाद से देश और दुनिया में कुछ बदलाव होंगे जो अच्छे दिन की तरफ बढ़ेंगे। इस दौरान कुछ महंगाई कम भी होगी और विकास की ओर अग्रसर भी होंगे। निजी रूप से भी लोगों को इसका फायदा मिलेगा। एक बात जरूर है कि सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष पूरे साल वैसा ही कमजोर रहेगा जो अभी कुछ सालों से हम देखते आएं है।  

वर्ष 2022 के ग्रह योगों को देखें तो कुछ इस तरह हैं। उसके मुख्य बिंदु :-
A. 14 जनवरी – सूर्य मकर राशि में
B. 16 जनवरी – मंगल धनु राशि में, 26 फरवरी को मकर में और 7 अप्रैल को कुंभ में
C. 13 अप्रैल – गुरु का कुंभ राशि से मीन राशि में प्रवेश
D. 17 मार्च – राहु का वृषभ से मेष राशि में प्रवेश
E. 29 अप्रैल – शनि का कुंभ राशि में प्रवेश तथा 5 जून को वक्रि हो जाएंगे। फलस्वरूप पुन: 12 जुलाई को मकर राशि में प्रवेश करेंगे।F. शनि साधारणत: एक माह एक अंश चलते हैं पर 1 जनवरी से 29 अप्रैल तक करीब 12 अंश चलेंगे अर्थात एक माह में 3 अंश। अत: शनि देव अतिचारी अवस्था में रहेंगे।
G. अपनी अतिचारी अवस्था के साथ 29 अप्रैल को कुंभ राशि में शनि प्रवेश करेंगे व 5 जून को वक्रि होकर 12 जुलाई को फिर से मकर राशि में आएंगे। अत: कह सकते हैं कि 1 जनवरी से 23 अक्टूबर को मार्गी होने तक शनि देव की स्थिति कमजोर देखी जाएगी।

वर्ष के जटिल योग :-
1. 14 जनवरी से 23 फरवरी तक सूर्य व शनि ग्रह जो आपस में शत्रु हैं तकरीबन 30 दिनों तक मकर राशि में साथ रहेंगे।
2. 26 फरवरी को मंगल मकर राशि में प्रवेश करेगा व मकर राशि स्थित शनि का साथ करेगा। यह जटिल योग 7 अप्रैल तक रहेगा यानि लगभग 40 दिन।
3. 29 अप्रैल को शनि कुंभ में आएंगे जहां पूर्व से उपस्थित मंगल के साथ ये पुन: 17 मई तक साथ रहेंगे। 17 मई को मंगल मीन राशि में चले जाएंगे। अर्थात शनि व मंगल कुंभ राशि में 19 दिन साथ रहेंगे।
4. 14 अप्रैल से 14 मई तक मेष राशि में सूर्य व राहू का योग रहेगा।
5. 17 मई से 26 जून तक गुरु व मंगल एक साथ मीन राशि में होंगे जो तकरीबन 40 दिन रहेंगे।
6. इसी तरह 26 जून से 10 अगस्त तक राहू व मंगल साथ रहेंगे। ये लगभग 45 दिन रहेंगे।   

इन राशि परिवर्तनों व जटिल योगों के सानिध्य से सन 2022 की स्थिति का फल इस प्रकार अभिव्यक्त हो सकता है।
1. 14 जनवरी से 13 फरवरी तक के समय का आंकलन करते हैं तो हम पाते हैं कि इस दौरान शनि व सूर्य साथ हैं व राहू कि इन पर दृष्टि है।
A. प्रकृति का मिजाज एकदम से बिगड़ सकता है।
B.  अचानक वर्षा व बर्फबारी से दुनिया प्रभावित हो सकती है।
C. प्रकृति के असंतुलन की कई अन्य वजह भी देखने में आ सकती है।
D. कोरोना का अटैक तेजी दिखा सकता है। अन्य बिमारियां भी इस दौरान बढ़ सकती है। कमजोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए समय अधिक सर्तक रहने का संकेत कर रहा है।
E. राजनेता, बड़े अधिकारी, स्टार आफत में फंस सकते हैं।
F. विमान दुर्घटनाएं बढ़ सकती हैं। राजनेता व जनता में दूरिया बढ़ सकती है।
G. तेल के दाम गिर सकते हैं। शेयर बाजार गिर सकते हैं। मंदी की ओर दुनिया के बढ़ने के संकेत उभर सकते हैं। पर यह सबकुछ छोटे से पीरियड के लिए होगा।
H. चुनाव आगे बढ़ने का ऐलान हो सकता है।
2. 26 फरवरी को जब मंगल मकर स्थित शनि के साथ आएगा तो यह भी दुनिया की स्थिति को कमजोर करने वाला ही रहेगा। इस योग के फलस्वरूप..
A. लड़ाई-झगड़े, बम विस्फोट, आगजनी की घटनाएं बढ़ेगी। जनता त्रस्त रहेगी। महंगाई की मार बढ़ सकती है।
B. प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं। समुद्री तूफान, भूकंप से नुकसान हो सकता है।
C. दुनिया के स्वाभाविक शत्रु देशों में तनाव बढ़ सकता है।
D. अस्थिर देश और अस्थिर हो सकते हैं।
E. आतंकवाद दुनिया को परेशान कर सकता है।                                     
 इसी तरह का समय दुनिया को 29 अप्रैल से 17 मई तक भी देखना पड़ सकता है। सूर्य व राहु का योग भी इस दौरान प्रकृति की ऋणात्मकता को बढ़ाने वाला रहेगा।
3. 17 मई से 26 जून तक गुरु व मंगल का साथ मीन राशि में होगा। इसके फलस्वरूप..
A. दुनिया पुन: सामान्य दिनों की ओर लौटेगी।
B. भारत में पांच राज्यों में चुनाव के लिए आदर्श समय हो सकता है।
C. अर्थव्यवस्था गति पकड़ेगी।
D. कोरोना की विदाई आरंभ होगी। दुनिया अब इस महामारी से मुक्त होने की दिशा में बढ़ेगी।

4. 26 जून से 10 अगस्त तक राहू व मंगल साथ रहेंगे। इसके फलस्वरूप..
A. पुन: एकबार दुनिया में प्रकृति का प्रकोप बढ़ सकता है। भारत में बारिश का मौसम इस दौरान जोरदार रह सकता है। सर्वव्यापक बारिश के साथ कहीं-कहीं अति बारिश भी संभव है।
B. लड़ाई-झगड़े, विवाद, आंदोलन, आतंकवादी घटनाक्रम इस दौरान बढ़ सकते हैं। इस तरह देखे तो कह सकते हैं कि जनवरी से जून तक के छह माह देश के साथ ही दुनिया के लिए संघर्ष वाले सिद्ध होंगे। महामारी के प्रकोप से दुनिया प्रभावित रहेगी। लोगों की परेशानी भी इस दौरान बढ़ी रहेगी। महंगाई की मार प्रकृति के प्रकोप, आतंकवादी घटनाओं का सिलसिला इस दौरान जारी रह सकता है। वैसे तो राज्यों में होने वाले चुनाव टलने का पूर्ण योग है पर फिर भी न्यूनतम योग के कारण यदि चुनाव होते हैं तो सत्ता पक्ष के लिए कुछ कठिनाईयां पेश आ सकती हैं। हिंसा, सांप्रदायिक मनमुटाव अपने चरम पर रह सकते हैं। यदि मई-जून में चुनाव होंगे तो सत्ता पक्ष के लिए चांसेस ज्यादा उजले होंगे। वर्ष के दूसरे पक्ष अर्थात जून से दिसंबर तक का आंकलन करे तो पाते हैं कि मीन का गुरु दुनिया के लिए श्रेष्ठ फल देने वाला रहेगा। आर्थिक तरक्की की ओर दुनिया बढ़ेगी। शिक्षा क्षेत्र में छाई मंदी दूर होगी। उद्योग धंधे फलेंगे और फूलेंगे। बेरोजगारी में कमी आएगी।इस तरह सन 2022 के फलाफल को आगे देखे तो पाते हैं कि शासक दल की स्थिति मजबूत बनी रहेगी। विपक्ष बिखरा-बिखरा रहेगा लेकिन सत्ता पक्ष को परेशान करता रहेगा। सत्ता पक्ष के पास भी विपक्ष को छकाने और जनता को भरमाने वाले कई कूटनीतिक तीर सुरक्षित हैं जिनका वह समय-समय पर उपयोग करता रहेगा।                       

इस वर्ष आर्थिक रूप से पिछड़े किसानों-महिलाओं को शासन अपने स्तर पर हर तरह से साधने का प्रयास करता रहेगा। समाचार पत्र, दृश्य मीडिया एक बड़े युद्ध के मैदान के रूप में दिखाई देंगे। इस वर्ष ध्रुवीकरण की एक मिसाल प्रस्तुत होगी। हिंदू-मुसलमान की राजनीति खुलकर होगी। राजनीति से शर्म का अभाव नदारद होता दिखेगा। विपक्ष की लाख कोशिश के बावजूद भाजपा की उत्तर प्रदेश के चुनाव में सफलता का योग प्रबल है। कांग्रेस का इस वर्ष भी कुछ विशेष नहीं होने वाला है। उसके कुछ और कद्दावर नेता यहां-वहां भाग सकते हैं। कृषि उत्पादन हमारे देश में रिकॉर्ड स्तर पर होगा। शिक्षा व मनोरंजन क्षेत्र के बुरे दिन जून 2022 के दौरान समाप्त होंगे। सेना का शौर्य चरम पर होगा। दुश्मन ठिठके रहेंगे। विदेश नीति में भारत का परचम लहराएगा। बाजारवाद बढ़ेगा। रिश्ते हाशिये पर आएंगे। कुल मिलाकर निष्कर्श यह है कि सन 2022 नीत-नवीन घटनाओं के साथ तेजी से भागता हुआ दिखाई देगा। जो समस्याएं हैं वे स्वरूप बदलकर आती-जाती रहेगी। लोग भी समय-समय पर असंतुलित होंगे। ..पर कुछ खास करने की स्थिति में नहीं होंगे। राजनीति में विकल्पों का अभाव रहेगा।

पंडित राजेश चौबे 98261-49010

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