संजय के मैदान में आते ही सुदर्शन विरोधी सक्रिय हुए
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विहान हिंदुस्तान न्यूज (मुनीष शर्मा)
नगर निगम के चुनावों के लिए इंदौर भाजपा में खूब खींचतान चल रही है। पार्षद स्तर पर तो जो चलता है वह चल ही रहा है लेकिन कहानी महापौर पद के लिए अलग ही चल रही है। इस बार सीट सामान्य उम्मीदवार के लिए है जिसपर लड़ने के लिए कईयों को सपने आ रहे हैं। कांग्रेस की बात करें तो उसने पहली बार समय से काफी पहले अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है जो विधायक संजय शुक्ला हैं। कांग्रेस के पास चूंकि एक ही कद्दावर बचा था इसलिए उसने अपने उम्मीदवार का नाम घोषित करने में जरा भी देर नहीं की लेकिन संजय के मैदान में आते ही सुदर्शन गुप्ता की दिक्कतें बढ़ गई।
पिछले विधानसभा चुनावों में विधानसभा एक से सुदर्शन गुप्ता भाजपा के प्रत्याशी थे तो संजय शुक्ला कांग्रेस से खड़े हुए थे। संजय ने बाजी उलटते हुए उम्मीद से कहीं अच्छी जीत हासिल की थी। सुदर्शन चुनाव हारने के बाद से ही खुद को एडजेस्ट करने में लगे हुए थे और जब प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार आई तो उनकी निगाह संजय पर पहले टिकी। उन्हें लगा ऐसा न हो संजय भी भाजपा में आ जाए। यदि संजय भाजपा में आते तो सुदर्शन के लिए स्थिति विकट हो जाती क्योंकि संजय की उम्र कम है और उनका विधानसभा में दबदबा भी बन गया है। उनकी महोब्बत भी इतनी है कि कई भाजपाई भी उनके पाले में अदृश्य रूप से खींचे चले आते हैं। हालांकि संजय ने अपनी पार्टी के साथ गद्दारी न करके अपनी छवि को और उजला किया। अब यह उजली छवि सुदर्शन के लिए क्यों तकलीफदायक बन रही है इसकी बात करें। असल में सुदर्शन विधानसभा में जिस प्रत्याशी से हारे वहीं अब महापौर का उम्मीदवार है। इस बात को सुदर्शन विरोधी भुना रहे हैं और पार्टी आलाकमान को बार-बार यहीं संदेश अलग-अलग माध्यमों से भेज रहे हैं। सुदर्शन के ‘चहेतों’ की फेहरिस्त भी कोई कम नहीं है। कोई पड़ोसी विधानसभा से अटैक करता है तो कोई गांव जाकर भी निगाहें एक नंबर में ही बनाए रखना चाहता है। ये सब तो ठीक है लेकिन एक बंदा उनकी गले की हड्डी बनने वाला है जो सुपर कॉरिडोर पर बड़े गेम बजा रहा है। यह बंदा सुदर्शन के खास समर्थकों में से एक माना जा रहा है और अपनी जी-जान भी एक कर रहा है। सुदर्शन के विरोधी इस बंदे की करतूतों को इकट्ठा कर रहे हैं जो संभवत: उम्मीदवारी चयन के दौरान बम की तरह फटे। चूंकि अभी चुनाव में समय है इसलिए सुदर्शन विरोधी चुप्पी साधे हुए हैं और मौके के इंतजार में है।