एडीएम से बोला होमगाडर्स जवान – आप कमाओगे तो मुझे नहीं दोगे क्या

Munish Sharma, Editor in Chief, Vihan Hindustan

इंदौर में एडीएम का पद बड़ा ही मजबूत हुआ करता था। आजकल तो एडीएम भी दो कर दिए हैं लेकिन जब इसकी जिम्मेदारी एक ही अफसर की हुआ करती थी तब इस पद की बात ही कुछ अलग थी। एडीएम के जलवे माने जाते थे। समय करीब एक दशक पहले का है। इस पद पर एक सीधे-साधे अफसर की तैनाती हो गई। ये एडीएम साहब कमाई में कोई रूचि नहीं रखते थे। एक दिन एडीएम साहब जब सुबह आफिस पहुंचे और चाय की चुस्किया ही ले रहे थे तब एक होमगार्ड्स जवान अंदर आया। उसने साहब को सेल्यूट मारा और कहा मेरी साहब आज से आपके साथ ड्यूटी रहेगी जनाब। साहब ने भी कहा ठीक है तुम बाहर बैठ जाओं जब मैं जाऊंगा तो तुम साथ चले चलना। साहब बोलकर फिर अपना काम करने लग गए लेकिन होमगार्ड्स का जवान था की वहीं खड़ा रहा। उसे खड़ा देखकर साहब ने सिर उठाया और उससे पूछा क्यों खड़े हो? इसपर वह बोला मुझे रोज कितना दोगे? साहब उसकी बात से हैरान रह गए, कहने लगे मैं क्या दूंगा? होमगाडर्स जवान ने भी बड़े ही आत्मविश्वास से कहा जब आप रोज कमाते हो तो हमें नहीं दोगे क्या? इस बात से साहब का पारा भड़क उठा और उन्होंने जोर से उसे डांटकर बाहर जाने के आदेश दिए। तत्काल होमगार्ड्स के अधिकारी को बुलाया और उसे सारी घटना सुनाई। उस होमगाडर्स जवान का जो हश्र होना था वह तो हुआ ही लेकिन होमगार्ड्स अफसर जरूर अफसरों के गाडर्स पर ध्यान देने लग गया। ड्यूटी लगाने से पहले वह साहब के साथ रहने की ट्रेनिंग खुद उन्हें देने लगा।

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