परिवार को सौंपा माफिया मुख्तार अंसारी का शव, डीएम ने दिए जांच के आदेश
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मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)
विहान हिंदुस्तान न्यूज
उत्तर प्रदेश में करीब चार दशक तक अपने आतंक से जनता को परेशान करने वाला माफिया मुख्तार अंसारी कल मारा गया था। जेल में उसे हार्टअटैक आया था जिसके बाद आज उसकी बॉडी परिजनों को सौंप दी गई। परिजनों ने मुख्तार की मौत को हत्या बताते हुए जांच की मांग की थी। डीएम ने मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। यह जांच अपर कलेक्टर राजेशकुमार करेंगे। मुख्तार का शव बांदा जेल से गाजीपुर ले जाया जा रहा है जहां कल उसे दफनाया जाएगा। मुख्तार अंसारी लोगो को डराकर पैसा वसूलता था जिससे कई मुस्लिम परिवार भी परेशान थे।
कल बांदा जेल में एकाएक मुख्तार अंसारी अचेत हो गया था। जांच में पाया गया कि उसने दम तोड़ दिया है। अस्पताल के डॉक्टरों ने मुख्तार की मौत हार्टअटैक से होना बताई। हालांकि मुख्तार खुद कुछ दिन पहले आरोप लगा चुका था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है और उसकी कभी भी मौत हो सकती है। कल जब उसकी मौत हुई तो परिजनों ने यही कहा कि उनकी (मुख्तार) बात को माना नहीं गया। मुख्तार के भाई सियाकतुल्लाह अंसारी का कहना है मुख्तार ने न्यायालय के समक्ष ही कहा था कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है। यदि न्यायालय संज्ञान ले लेता तो आज मुख्तार बच जाता। उधर, बांदा जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार का शव करीब 400 किलोमीटर दूर गाजीपुर के लिए भेज दिया गया। गाजीपुर में भी कड़ी सुरक्षा रहेगी ताकि मुख्तार के जनाजे में किसी तरह का विवाद न हो।
भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या के बाद चर्चा में आया था
मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश में अपने रौब के कारण पहचाना जाने लगा था। जेल में भी उसे बाकायदा काफी सुविधाएं मिलती थी। वह जब चाहे उसे जेल में बुलवा लेता था और वह जैसा चाहता वैसा कर लेता था। जेल में उसके लिए बैडमिंटन कोर्ट तक बनवाया गया। बात तो यह भी आती है कि कई अधिकारी उसके साथ बैडमिंटन खेलते थे। साल 2005 में जब मुख्तार जेल में बंद था उसी समय नवंबर 2005 में उसने भाजपा नेता कृष्णानंद राय की हत्या कराई थी। कृष्णानंद राय पर एके 47 से 500 राउंड फायरिंग हुई थी जिसमें 7 लोग मारे गए थे। राय के शरीर से 67 गोलियां निकाली गई थी। उस समय उत्तर प्रदेश में मुलायमसिंह यादव (सपा पार्टी) की सरकार थी जिसने मुख्तार अंसारी को अघोषित रूप से वीवीआईपी बना रखा था। स्थिति यह थी कि जेल के कुछ अधिकारियों पर जेल में ही मुख्तार ने पिस्टल तान दी थी। कुछ अधिकारियों की हत्या कराने में भी मुख्तार का नाम था। मुख्तार पर 61 प्रकरण नामजद थे।