अब आतिशी का ‘जेल टिकट’ कटने की तैयारी, केजरीवाल ने लिया दो मंत्रियों का नाम…पार्टी में पड़ सकती है फूट
![](https://www.vihanhindustan.com/wp-content/uploads/2024/04/आतिशी-केजरीवाल.png)
आतिशी और अरविंद केजरीवाल
विहान हिंदुस्तान न्यूज
आम आदमी पार्टी (आप) के लिए वर्तमान समय अब तक का सबसे चुनौतीभरा समय है। कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल का शराब घोटाला केस में न्यायालय द्वारा जेल भेजा जाना है। वे 15 दिन की न्यायायिक हिरासत में रहेंगे। यह तो एक कारण है लेकिन दूसरा बड़ा कारण केजरीवाल द्वारा ईडी से अपने दो मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लेना है। उनका कहना है ये दोनों ही मंत्री ही विजय नायर के संपर्क में थे। खास बात यह है कि अरविंद केजरीवाल का नया पता तिहाड़ जेल हो गया है। वे मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं या नहीं इस बात पर विवाद बढ़ गया है।
ईडी ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए अपने कार्यालय में बैठाया था और आज उन्हें दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। यहां ईडी ने न्यायालय को बताया कि केजरीवाल उनके साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे न तो उनके मोबाइल के पासवर्ट दे रहे हैं और हर सवाल पर वे जानकारी नहीं होने का जवाब देते हैं। शराब घोटाला में जिस विजय नायर का नाम सामने आया उसके संबंध में केजरीवाल ने यह बताया कि आतिशी और सौरभ भारद्वाज को ही वह रिपोर्ट करता था। जब केजरीवाल की यह बात ईडी कोर्ट को बता रही थी तब केजरीवाल ने चुप्पी साध रखी थी यानी उन्होंने मौन रहकर इस बात की स्वीकारोक्ती दी। अब जब केजरीवाल ने आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम लिया तो ईडी इन दोनों पर भी शिकंजा कसेगी। ऐसे में आप पार्टी के दो अन्य नेताओं को जल्द ही ईडी पूछताछ के लिए बैठा सकती है। पहले ही मनीष सिसौदिया व सतेंद्र जैन पहले ही अलग-अलग मामलों में तिहाड़ जेल में बंद है। इसके अलावा सांसद संजय सिंह भी शराब घाटोला मामले में तिहाड़ जेल में है।
सीएम चेहरे को लेकर भी विवाद…
आम आदमी पार्टी में फूट पड़ने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को लगातार आगे कर रहे हैं। केजरीवाल जब से ईडी की गिरफ्त में है तब से उनके नाम पर उनकी पत्नी की संबोधित कर रही है। कल इंडिया गठबंधन की सभा में भी सुनीता ने ही संबोधित किया था। केजरीवाल द्वारा अपनी पत्नी को भविष्य का सीएम बनाए जाने की चर्चा भी खूब है जिससे आप पार्टी के कुछ विधायक भी नाराज बताए जा रहे हैं। इससे भाजपा को एक निशाना लगाने में भी आसानी होगी कि आप पार्टी भी एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई। देखना यह होगा कि केजरीवाल का अगला दांव क्या होता है? वे अपनी पार्टी को कैसे बचाकर रखते हैं और लोकसभा चुनाव में कैसे आप को ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाते हैं। एक बात यह भी है कि जेल में बंद रहकर वे सरकार चलाने की बात कर रहे हैं जबकि एलजी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे ऐसा होने नहीं देंगे। आने वाले कुछ दिन दिल्ली और आप पार्टी के लिए विशेष रहेंगे।