आजतक के ऑफिस से वीडियो लीक हुआ लेकिन कार्रवाई नहीं, क्या सर्वे से अपना हाथ बचाना चाहता है चैनल…बंगाल में गलत साबित हुआ था सर्वे

वायरल वीडियो में चर्चा करते राहुल कंवल, राजदीप सरदेसाई व प्रदीप गुप्ता। यूट्यूब पर भी ये वीडियो आसानी से मिल रहा है जहां से विहान हिंदुस्तान न्यूज ने लिया।

विहान हिंदुस्तान न्यूज

इंडिया टुडे-एक्सीस माय इंडिया का म.प्र. विधानसभा चुनावों को लेकर जो सर्वे आया है वह काफी चौंकाने वाला है। इस सर्वे में भाजपा को 140-162 व कांग्रेस को 68-90 तथा अन्य को 3 सीटें मिलना बताई जा रही है। सर्वे के साथ ही एक वीडियों भी सामने आया जो इंडिया टुडे ग्रुप के आजतक चैनल के ऑफिस का बताया जाता है। इस वीडियों में आजतक के राहुल कंवल व राजदीप सरदेसाई के साथ बात करते हुए एक्सीस माय इंडिया के प्रमुख प्रदीप गुप्ता दिखाई दे रहे हैं। चर्चा के दौरान राहुल कंवल और राजदीप सरदेसाई भी सर्वे को लेकर संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं और प्रदीप गुप्ता उन्हें बता रहे हैं कि सर्वे जमीनी है, जो रिपोर्ट आई वहीं बताई गई है। हालांकि वे यह भी कहते दिख रहे हैं हम तो कोशिश करते हैं रिजल्ट बिफोर रिजल्ट देने की, कभी-कभी गड़बड़ हो गया तो ठीक है। वैसे इंडिया टुडे-एक्सीस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को ज्यादा सीटे मिलना दिखाई है लेकिन वह आंकड़ा अन्य सर्वे एजेंसियों के आसपास है। यहां आपको यह बताना भी जरूरी है कि पांच राज्यों के लिए हुए इंडिया टुडे-एक्सीस के सर्वे पर अन्य राज्यों को लेकर बहुत ज्यादा गर्मागर्मी नहीं है लेकिन म.प्र. में सीटों का इतना बड़ा अंतर विवाद का कारण बन गया है।

सवाल यह उठता है कि यह वीडियों बनाया किसने और जब लीक हुआ तो आजतक इसपर खामोश क्यों है? क्या स्टींग ऑपरेशन करने वालों का स्टींग ऑपरेशन हो गया, हालांकि यह मुमकिन नहीं है। इससे पहले म.प्र., राजस्थान, छत्तीसगढ़ चुनावों को लेकर किसी ने फर्जी सर्वे आजतक के नाम से जारी किया था जिसका खंडन चैनल लगातार कई महीनों तक करता रहा। वह लगातार एक पट्टी चलाकर बताता रहा कि हमने इन प्रदेशों के लिए कोई सर्वे नहीं किया है। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि इंडिया टुडे ग्रुप ने अपना हाथ बचाने के लिए यह सब किया है क्योंकि सर्वे गलत आता है तो इंडिया टुडे का नाम खराब न हो। …और यदि सही हो जाता है तो फिर सभी की बल्ले-बल्ले होगी ही। यही नहीं प्रदीप गुप्ता को ब्लैक एंड व्हाइट प्रोग्राम में बुलाकर भी चैनल ने सर्वे को लेकर कई सवाल किये जिससे जनता को यह समझ आ जाए कि इंडिया टुडे ग्रुप हर एंगल पर काम करता है और अपनी सर्वे टीम को भी वह पूरा तौलता है।

वैसे तो इंडिया टुडे-एक्सीस का एक्यूरेसी रेट 94 प्रतिशत रहा है लेकिन 64 सर्वे में से 4 सर्वे गलत भी हुए हैं जिसमें से एक पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का है। 2021 में हुए इस चुनाव में इंडिया टुडे-एक्सीस ने भाजपा और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर दिखाई थी। भाजपा गठबंधन को उसने 134-160 सीटें दी थी जबकि टीएम को 130-156 सीटें दी थी। नतीजे जब आए तो टीएमसी को 215 सीटों पर जीत मिली जबकि भाजपा गठबंधन को 77 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। हालांकि गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश के चुनावों का इंडिया टुडे-एक्सीस ने सही सर्वे करते हुए एक्जिट पोल को सही साबित किया था। कुछ यही बात कांग्रेस को भी खाए जा रही है कि म.प्र. में यदि इंडिया टुडे-एक्सीस का सर्वे फिट बैठ गया तो उसके कई बड़े नेताओं की राजनीति खत्म होने की स्थिति बन जाएगी।

भाजपा को सीटें मिलने का अंतर भी बहुत ज्यादा…

इंडिया टुडे-एक्सीस के सर्वे को देखें और अन्य एजेंसियों के सर्वे को देखें तो भाजपा व कांग्रेस को मिलने वाली सीटों में काफी अंतर भी नजर आ रहा है। यदि इंडिया टुडे-एक्सीस का सर्वे सही साबित होता है तो अन्य एजेंसियों को अपने सर्वे करने के तरीकों पर सोचना होगा क्योंकि म.प्र. में वोट प्रतिशत बढ़ने से चुनाव में काफी जटिलता आ गई है। हम यदि इंडिया टुडे-एक्सीस के सर्वे को देखते हैं तो उसने भाजपा को 140-162 जबकि कांग्रेस को 68-90 व अन्य को 3 सीटें दी है। टुडेज चाणक्य-न्यूज 24 (भाजपा 151, कांग्रेस 74, अन्य 0) इसके करीब ​सीटे देता दिख रहा है लेकिन अन्य कई एजेंसियों का डिफरेंस बहुत ज्यादा है। 84 प्रतिशत एक्यूरेट सर्वे करने वाला टाइम्स नाऊ-ईटीजी ने म.प्र. के सर्वे में भाजपा को 106-116 और कांग्रेस को 110-124 व अन्य को 10-10 सीटें मिलना बताई है। एबीपी-सीवोटर का एक्यूरेसी रेट 78 प्रतिशत रहा है जिसने इस एक्जिट पोल में भाजपा को 88-112 व कांग्रेस को 113-137 सीटें दी है जबकि अन्य के खाते में 2-8 दी है। दैनिक भास्कर म.प्र. के हर जिले में पहुंचता है जिसने अपने सर्वे में भाजपा को 95-115 व कांग्रेस को 105-120 सीटें देने के साथ अन्य के खाते में 0-15 सीटें दी है। जन की बात के सर्वे में भाजपा को 100-123 व कांग्रेस को 102-125 व अन्य को 5 सीटें दी जा रही है। कुल मिलाकर भाजपा-कांग्रेस को दी जाने वाली सीटों में इन सभी एजेंसियों का अलग-अलग मत तो है लेकिन अंतर काफी ज्यादा है जिसके कारण राजनीतिक दलों से लेकर जनता में बवाल मचा हुआ है।

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