आल्हा-ऊदल के अखाड़े की मिट्टी मैहर से इंदौर के दादा ताराचंद बालिका रेसलिंग सेंटर में लाई गई
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
हमारे देश में आल्हा और ऊदल का नाम वीरगाथाओं में काफी प्रचलित है। ये दोनों भाई थे और चंदेल राजा परमल के सेनापति दसराज के पुत्र थे। इन भाईयों के बारे में कहा जाता है कि इनमें हाथी को पलटने की भी ताकत थी। मैहर की माता के समीप ही इनका अखाड़ा था। इस अखाड़े की मिट्टी को न सिर्फ पूजा जाता है बल्कि इसे अन्य अखाड़ों की मिट्टी में मिलाया भी जाता है ताकि उक्त मिट्टी पर कुश्ती कला को सीखने वाले की ताकत भी आल्हा-ऊदल की तरह ही हो।
इंदौर के लिए अच्छी बात यह है कि आल्हा-ऊदल के अखाड़े की मिट्टी यहां लाई गई है। इस मिट्टी को राजीव गांधी चौराहे पर स्थित गणेश बाबा परिसर में संचालित ताराचंद दादा बालिका रेसलिंग सेंटर की मिट्टी में मिलाया गया। मिट्टी मिलाने को लेकर एक आयोजन भी हुआ जिसमें इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा मुख्य अतिथि थे। क्षेत्रीय पार्षद के पति सुनील वर्मा और इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष मोहित वर्मा भी इस अवसर पर मौजूद थे। इन सभी ने आल्हा-ऊदल के अखाड़े से लाई गई मिट्टी को ताराचंद दादा बालिका रेसलिंग सेंटर की मिट्टी में मिलाया। इस अवसर पर मधु वर्मा ने रेसलिंग सेंटर के पहलवानों को आशीर्वाद देते हुए कहा हम सभी चाहते हैं कि आप सभी लोग विश्व में इंदौर का ही नहीं बल्कि ताराचंद दादा बालिका रेसलिंग सेंटर का नाम भी अंकित करें। मधु वर्मा ने ताराचंद दादा बालिका रेसलिंग सेंटर के कोच विक्रम अवार्डी रमेश मिस्त्री पहलवान की तारीफ करते हुए कहा कि इतना अच्छा पहलवान आपका कोच है तो उनसे आप सीखे। रमेश मिस्त्री जैसे लोग आपको नहीं मिलेंगे जो आपके लिए समय निकालकर मुफ्त में आपको कुश्ती के गुर सीखाने आते हैं। कार्यक्रम में सबसे पहले अखाड़े की मिट्टी को पूजा गया। इसमें तेल, नींबू, हल्दी मिलाने के साथ ही आल्हा-ऊदल के अखाड़े से लाई गई मिट्टी को मिलाया गया। अखाड़े के उस्ताद महेश वर्मा (बच्चू पहलवान) का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम में रेसलिंग सेंटर के अध्यक्ष कमल वर्मा ने भी आल्हा-ऊदल के बारे में पहलवानों को जानकारी दी। इस अवसर पर नरेश वर्मा (मुन्ना पहलवान), मुकेश वर्मा, कपिल हार्डिया, निर्मल वर्मा आदि मौजूद थे।