ABOUT US

Munish Sharma

                   मैं दो दशक से ज्यादा समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में हूं। देश दुनिया में इस दौरान हुए कई बदलावों को मैंने काफी करीब से देखा है चाहे वह खेलकूद की दुनिया हो, फिल्म लाइन हो, व्यापारिक गतिविधियां हो, सैन्य शक्ति हो या फिर राजनीति हो। एक बात और है अस्पतालों का रवैया भी बदला है। पहले जहां मरीज के लिए सेवा दी जाती थी अब उसके सामने पैकेज रखे जाते हैं। कोरोनाकाल ने तो इसकी समझ और भी बढ़ा दी है। इस दौर ने तो वह दिन दिखाए जो संभवत कोई वापस देखना नहीं चाहेगा। इस महामारी ने तो लोगों की सेहत के साथ आर्थिक स्थिति पर भी चोट की है।

                 इन दो से तीन दशकों के बदलते वैश्विक परिदृश्य के बीच एक बात यह भी खुलकर सामने आई है की जनता की आवाज की ताकत क्या है और उसे दबाने या भटकाने के लिए सरकारे क्या क्या चाले चल सकती हैं। मैं जब पत्रकारिता में प्रवेश के दौर में था तब भारत में ओपन मार्केट की परिकल्पना शुरू हो गई थी। आज जब मैं
अपनी वेबसाइट vihanhindustan.com के लिए about us को लेकर लिख रहा हूं तब वह दौर चल रहा है की ओपन मार्केट वाले इस भारत देश में कुछ उद्योगपतियों के हाथ में ही आकर ही मार्केट रह गया है। ऐसा कैसे हो रहा है और भारत के लिए यह भविष्य की कितनी बड़ी चुनौती होगी।

               मैंने कई समाचार पत्रों में काम किया है लेकिन अखबार मालिक का एक ही ध्येय देखा पैसा। मैं सभी अखबार मालिकों को इसमें नहीं रख रहा हूं लेकिन इस क्षेत्र में कलम खरीदकर सरकार से सौदा करने वालों का प्रतिशत बहुत ही ज्यादा बड़ा है। ऐसे में जनता और सरकार का सामंजस्य बिगड़ना ही है क्योंकि देश मीडिया सरकार व जनता के बीच का ब्रिज है। सरकार गलत करेगी तो मीडिया उसकी खिंचाई करके रास्ते पर लाएगी लेकिन मीडिया ही जब सरकार की गोद में बैठ जाएगी तो फिर जनता की सुनवाई कहां होगी? यही कारण है की भारत में मीडिया पर सोशल मीडिया हावी हो रहा है लेकिन सोशल मीडिया का भटकाव देश को कहां ले जाकर खड़ा करेगा कहना मुश्किल है। इन सभी बातों को देखते हुए हमने vihanhindustan.com की स्थापना की है। हम इसे जनता की आवाज देंगे जिसमें नालेज भी पाठकों को मिलेगा। हम सरकार और जनता के बीच की वही कडी बनेंगे जो हमारे संविधान निर्माताओ ने संविधान बनाते समय इसकी कल्पना की थी। मुझे उम्मीद है हम अपने काम में सफल होंगे और सभी का हमें साथ व सहयोग मिलेगा।

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