अडानी को एक और झटका, ओरियंट सीमेंट से भी डील खत्म, लाल निशान पर तैर रहे हैं 10 कंपनियों के शेयर.. पहुंचे 26वें स्थान पर
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
उद्योगपति गौतम अडानी की संपत्ति दिनों-दिन कम होती जा रही है। मार्केट में साख खराब होने का असर यह हो रहा है कि अडानी की 10 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर तैर रहे हैं। अडानी को तब और बड़ा झटका लगा है जब सी.के. बिड़ला ग्रुप के साथ ओरियंट सीमेंट की डील खत्म हो गई है। पिछले एक महीने में अडानी की तीसरी बड़ी डील खत्म हुई है। इससे पहले डीबी पावर-पीटीसी इंडिया के साथ डील से हाथ पीछे खींचे जा चुके हैं। एक महीने पहले विश्व के अमीरों की सूची में चौथे स्थान पर रहने वाले अडानी अब 26वें स्थान पर आ गए हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से गौतम अडानी का ग्राफ लगातार नीचे फिसल रहा है। बुधवार (22 फरवरी) को तब अडानी को तगड़ा झटका लगा जब उन्होंने लगभग 6 अरब डॉलर से ज्यादा संपत्ति गंवा दी। शेयर बाजार में कारोबार के दौरान भी वे लगातार मुश्किलों में घिरे हुए हैं। उनकी 10 कंपनियों के शेयरों ने लाल निशान पर कारोबार किया। अडानी इंटरप्राइजेस और अडानी पोर्ट के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली है। ये स्थिति गुरुवार को भी देखी जा रही है। शेयरों में आई गिरावट के चलते उनकी नेटवर्थ कम होकर 42.7 अरब डॉलर रह गई है।
कारोबार में विस्तार पर रोक की रणनीति
बताया जा रहा है हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद आए कहर से बचने के लिए अडानी ग्रुप ने कारोबार के विस्तार पर रोक की रणनीति अपनाई है। निवेशकों का फिर से विश्वास जीतने के लिए ये रणनीति बनाने की बात सामने आ रही है। डीबी पावर-पीटीसी इंडिया के साथ डील से हाथ पीछे खींचने के बाद ओरियंट सीमेंट से भी डील खत्म कर दी है। सी.के. बिडला ग्रुप की कंपनी ओरियंट सीमेंट ने अडानी पावर महाराष्ट्र के साथ सितंबर 2021 में एमओयू का ऐलान किया था। दोनों कंपनियों ने महाराष्ट्र के तिरोदा में एक सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट लगाने के लिए करार किया था। सी.के. बिड़़ला ग्रुप के मुताबिक इस एमओयू की टाइमलाइन भी अब निकल चुकी है। आपको बता दें अडानी ग्रुप ने सोमवार को पावर ट्रेडिंग कार्पोरेशन लिमिटेड (पीटीसी) में हिस्सेदारी के लिए बोली न लगाने का फैसला किया था। पीटीसी इंडिया लिमिटेड के शेयरधारकों में लाइफ इंश्योरेंस कॉर्प ऑफ इंडिया (एलआईसी) और दामोदर वैली कॉर्प भी शामिल हैं। इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 2500 करोड़ रुपये है। इससे पहले अडानी की डीपी कॉर्प के साथ डील भी रद्द हो चुकी है। यह डील करीब 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा की है। यह डील डीबी कॉर्प के लिए भी काफी महत्वपूर्ण थी लेकिन अडानी की स्थिति के कारण सबकुछ गड़बड़ा गया।