बिजनेस चमत्कार : सोमवार तक अडानी के 3 प्रतिशत शेयर बिके थे, मंगलवार अंतिम दिन था…पूरे बिक गए, अंबानी ने भी खरीद लिए

विहान हिंदुस्तान न्यूज

गुजरात के अरबपति व्यवसायी गौतम अडानी के पास कुछ शक्तियां जरूर है जिसे उनके बिजनेस से जोड़कर देखा जा सकता है। उनकी कंपनी अडानी इंटरप्राइजेस की तरफ से पिछले हफ्ते बाजार में उतारे गए एफपीओ यानी फॉलोऑन पब्लिक ऑफर को लेकर ही देख लें। अडानी समूह 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने के मकसद से इस पब्लिक ऑफर को लेकर आया था जिसे खरीदने की अंतिम तारीख 31 जनवरी (मंगलवार) थी। सोमवार दोपहर तक सिर्फ 3 फीसदी शेयर बिके थे लेकिन मंगलवार को ऐसा चमत्कार हुआ कि उनके पूरे शेयर बिक गए। उनके शेयर खरीदने वालों की सूची में मुकेश अंबानी के साथ भारत के कई अन्य बिजनेसमैन भी हैं। इन शेयरों की बिक्री से अडानी को फिर से खड़ा होने का सपोर्ट मिल पाएगा। इन शेयर्स खरीदी को अडानी की हेल्प के रूप में भी देखा जा रहा है। खास बात तो यह है कि केंद्र सरकार के बजट के बाद ये शेयर भी कुछ उड़ान भरते दिख रहे हैं।

अडानी के लिए सोमवार दोपहर तक बड़ी उलझनों वाली स्थिति थी लेकिन शाम से उन्हें राहत मिलना शुरू हुई। उनके शेयरों को आबूधाबी के शाही परिवार से जुड़ी इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने खरीदा। मिली जानकारी के अनुसार शाही परिवार की इस कंपनी ने 3218 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है। इसके बाद भारत के कई फैमिली ऑफिसेज की ओर से इस एफपीओ में रूचि दिखाने की खबरें आई। इस फैमिली से आशय उन फर्मों से है जो बेहद अमीर लोगों की निजी संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं। अडानी को मदद करने में सिर्फ मुकेश अंबानी ही नहीं बल्कि जेएसडब्ल्यू स्टील के मालिक सज्जन जिंदल, एयरटेल के मालिक सुनील भारती मित्तल, जायडस लाइफ के पंकज पटेल आदि के नाम सामने आए हैं। आपको बता दें इस एफपीओ से जुटाई गई रकम, कर्ज लौटाने से लेकर अडानी इंटरप्राइजेस और समूह की दूसरी कंपनियों के पूंजी विस्तार में खर्च की जाना है। वैसे ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इस मसले से जुड़े एक अहम पहलू को सामने लाया गया है। रिपोर्ट कहती है कि एफपीओ का उसके आखिरी दिन पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाना अडानी समूह के लिए जंग जीतने जैसा है क्योंकि किसी भी पब्लिक ऑफर का 100 प्रतिशत बिकना ही अच्छा माना जाता है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इन शेयर्स की बिक्री से अडानी पूरी तरह से ऊबर भी नहीं पाएंगे यानी उन्हें अभी और मेहनत करना होगी।

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