बड़ा आरोप : इंदौर से रात को व्यक्ति का किया अपहरण, मनासा के दो पुलिसकर्मियों के शामिल होने की बात जिसमें एक महिला भी
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
इंदौर से एक व्यक्ति का अपहरण कर उसे मंदसौर जिले में ले जाने का आरोप सामने आया है जिसकी पुलिस को शिकायत भी की गई है। आरोप इसलिए गंभीर माना जा रहा है क्योंकि अपहरण करने वालों में दो पुलिसकर्मी भी शामिल थे जिसमें एक महिला बताई जा रही है। इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को की गई है। शिकायत में आरोप तो यह भी लगाए गए हैं कि फरियादी से 20 हजार रु. नकद छीन लिए गए जबकि 80 हजार रु. उसके परिजनों से एक बैंक खाते में डलवाए गए हैं।
विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को मिली जानकारी के अनुसार फरियादी बद्री पिता प्रेमलाल साठिया है। बद्री ग्राम दतोदा नर्सरी के समीप रहता है। विहान हिंदुस्तान रिपोर्टर ने जब बद्री से इस संबंध में बात की तो उसका कहना था मैं 5 जनवरी की रात 11 बजे महू वाइनशॉप के पास खड़ा था। तभी मेरे पास आकर एक वाहन रूका जिसमें पुलिस की वर्दी पहने एक महिला व एक पुरुष भी थे। इन्होंने मुझे गाड़ी में बैठाया और कहा तुझे टीआई साहब बुला रहे हैं। मैं कुछ पूछता उससे पहले ही महिला पुलिस ने मुझे गाड़ी में बैठने पर मजबूर कर दिया। गाड़ी में ड्राइवर के साथ एक व्यक्ति और बैठा था। मुझे बैठाकर गाड़ी चलवा दी गई। रास्ते में इन्होंने मेरी तलाशी ली तो मेरे पास रखे 20 हजार रुपये इन्होंने छीन लिए। मेरी घड़ी और गले में लटका चांदी का छल्ला भी उन्होंने निकलवा लिया। मोबाइल तो गाड़ी में बैठते ही जब्त कर लिया था। जब मैंने उनसे पूछा कि कहा ले जा रहे हो तो कहने लगे मनासा थाने में तेरे खिलाफ शिकायत है जिससे वहीं तुझे ले जाएंगे। रास्ते में इनकी जो बात हुई इससे पता चला कि वर्दी में बैठे पुलिसकर्मी खुद को आरक्षक तिवारी और महिला पूजा बता रही थी। ड्राइवर कमलसिंह और एक अन्य व्यक्ति खुद को किशन पिता रोशन निवासी नारायणगढ़ (मंदसौर) बता रहा था। इन लोगों ने बेटमा की किसी संगीता का नाम बताया जिसमें मेरे परिवार से संपर्क किया। संगीता खुद को किशन की सास बता रही थी। मेरे परिवार वालों को एक बैंक अकाउंट नंबर संगीता ने दिया और उसपर 80 हजार रु. डालने का बोला। मेरे परिवार के लोगों ने जीतू सेठ से 80 हजार रु. लिए और संगीता द्वारा बताए बैंक खाते में आनलाइन डाल दिए। मुझे अगले दिन सुबह 7 बजे पिपल्यामंडी के पास इन्होंने वाहन से उतार दिया तब जाकर मैं इंदौर आ सका। बद्री ने पप्पू पिता बाबू, करण पिता मांगीलाल, चेतन पिता करण सहित कुछ अन्य नाम भी पुसि शिकायत में किए हैं।
गंभीरता से लिया जाना चाहिए मामला…
सवाल यह उठ रहा है कि फरियादी बद्री की बात पर कितना विश्वास किया जाए? ..लेकिन घटना सही है या नहीं इसकी आसानी से जांच की जा सकती है। बद्री के कहे अनुसार मनासा थाने में पदस्थ तिवारी व पूजा नाम के पुलिसकर्मियों की जानकारी ली जा सकती है। साथ ही उस रात के टोल नाकों व अन्य सीसीटीवी कैमरों के जरिए फुटेज भी निकाले जा सकते हैं ताकि घटना की पुष्टि हो सके। जिस बैंक खाते में पैसा डलवाया गया उसकी जांच से भी सच्चाई का पता चल सकता है। यदि घटना सही है तो पुलिस को उन पुलिसकर्मियों पर भी प्रकरण दर्ज करना चाहिए जो इंदौर पुलिस को बिना सूचना दिए किसी को साथ ले गए। यही नहीं यदि ये पुलिसकर्मी भी फर्जी है तो यह जांच बनती है कि पूर्व में भी इस तरह की वारदात को ये गुट अंजाम तो नहीं दे चुका है। यदि ऐसा कोई गुट सक्रिय है तो पुलिस की सक्रियता तो बनती है। एक बात यह भी है कि बद्री यदि पुलिस को भ्रमित कर रहा है तो फिर कार्रवाई उस पर भी हो सकती है।