बागेश्वर सरकार के चरणों में रख दूंगा दो करोड़ के हीरे…डायमंड कारोबारी का धीरेंद्र शास्त्री को इस बात पर चैलेंज

विहान हिंदुस्तान न्यूज

बिहार में अपनी कथा से झंडे गाड़कर आने वाले म.प्र. के कथावाचक और बागेश्वर सरकार के नाम से पहचान बना चुके पंडित धीरेंद्र शास्त्री को एक नया चैलेंज मिला है। यह चैलेंज मिला है गुजरात के एक डायमंड व्यापारी जनक बाबरिया से। जनक भाई का कहना है यदि बागेश्वर सरकार उनके पैकेट में रखे हीरे बता दें तो वे उनके चरणों में दो करोड़ रुपये मूल्य के हीरे समर्पित कर देंगे।

आपको बता दें जल्द ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री गुजरात के दौरे पर पहुंच रहे हैं। यहां वे सूरत, राजकोट और अहमदाबाद में अलग-अलग तारीखों में कथावाचन करेंगे। गुजरात दौरे से पहले ही बागेश्वर सरकार को एक चैलेंज मिल गया है। यह चैलेंज डायमंड कारोबारी जनक बाबरिया ने दिया है। जनक भाई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करके कहा अगर बाबा सबके सामने अपने दरबार में डायमंड पैकेट के अंदर कितने हीरे हैं बता दें तो वे दो करोड़ रुपये मूल्य के हीरे उन्हें भेंट कर देंगे। इस कारोबारी के अनुसार अगर बाबा में दिव्य शक्ति है तो वे उनके सामने पांच से सात सौ कैरेट के डायमंड पैकेट में लेकर जाएंगे। बाबा को बताना है कि पैकेट के अंदर कितने हीरे हैं। उधर, गुजरात में बागेश्वर सरकार की कथा को लेकर काफी भक्त इंतजार कर रहे हैं। यहां पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बड़े-बड़े पोस्टर-बैनर बनाए जा रहे हैं।

बिहार में 30 लाख लोग हुए शामिल बागेश्वर सरकार की कथा का जनता में कितना क्रेज है यह बिहार के दौरे को देखकर समझा जा सकता है। बिहार में 13 मई से 17 मई तक धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमंत कथा पढ़ी थी। यहां पांच दिनों में 30 लाख से ज्यादा जनता कथा सुनने पहुंची थी। हालांकि आपको यह भी बता दें कि बिहार सरकार के मंत्री व आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव ने ऐलान किया था कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री को पटना एयरपोर्ट से ही बाहर भी नहीं आने देंगे। जब धीरेंद्र शास्त्री बिहार पहुंचे तो उनके लिए भक्तों का तांता लगा था। बहरहाल बिहार सरकार बागेश्वर सरकार को कथा करने से रोक नहीं सकी। कथा के दौरान लगभग 5 करोड़ रुपये का कारोबार आसपास के व्यापारियों का होना बताया जा रहा है। असल में बाबा के लिए 18 लाख अर्जियां लगाई गई थी। अर्जी लगाने की प्रक्रिया नारियल को लाल कपड़े में बांधकर कथा वाले स्थान पर रखना था।

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