मस्जिदों के इमाम, हाफ़िज़ साहेबान का किया इस्तक़बाल और पेश किए तोहफे, सभी धर्म के गुरु मौजूद
![](https://www.vihanhindustan.com/wp-content/uploads/2023/04/मंजूर-बेग.jpg)
विहान हिंदुस्तान न्यूज
देश के कई राज्यों में इस वक्त हिंदू-मुस्लिम के बीच लगातार विवाद की खबरें देखने को मिल रही है लेकिन इंदौर से सर्वधर्म संघ की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो दिल को सुकून देने वाली हैं। प्रिंस यशवंत रोड़ पर मस्जिदों के इमाम और हाफीज़ो का सम्मान हार माला और साफ़ा पहनाकर किया गया। इस अवसर पर हिन्दू-मुस्लिम धर्म प्रमुख अतिथि के रूप में मौजूद थे।
रमज़ान का पवित्र महीना पूरी इंसानियत के लिए रहमत बनकर आया है। शब-ए-क़द्र की हज़ार महीनों से बेहतर मुक़द्दस रात को मुस्लिम समाज ने बड़ा रोज़ा रखा और पूरी रात इबादत में गुज़ारी। रमज़ान माह में तरावीह की विशेष नमाज़ में बगैर देखे पूरा क़ुरआन सुनाने वाले हाफिजों, मस्जिद के पेश इमामों और अज़ान देने वाले मोअज़्ज़िनों को सर्वधर्म संघ द्वारा रहमतों बरकतों वाले महीने रमजान पर नज़राना देकर दस्तारबंदी की गयी। इस अवसर पर हाफ़िज़ मो नदीम फात्मा मस्जिद, हाफ़िज़ फ़ज़ल अहमद राज़्वी हरसिद्धि मस्जिद, हाफ़िज़ ज़मीर साहब जेल रोड मस्जिद, हाफ़िज़ हसन साहब कबूतरखना मस्जिद का प्रिंस यशवंत रोड़ स्थित सर्वधर्म संघ दफ्तर पर सम्मान किया गया। शहर क़ाज़ी डॉक्टर इशरत अली, स्वामी अरुण आनंद महाराज, गुरुदेव स्वामी वर्धानन्द गिरी महाराज, अध्यक्ष मंज़ूर बेग अतिथि की रूप में मौजूद थे। सम्मानित सदस्यों का तोहफे और नगद नज़राना पेश कर इस्तक़बाल किया गया। सर्वधर्म संघ के अध्यक्ष मंज़ूर बेग द्वारा प्रतिवर्ष मस्जिदों के इमाम व ख़िदमतगारों को नज़राना दिया जाता है। मंजूर बेग ने बताया मुस्लिम समाज इस माह में कब्रिस्तान पर पुरखों की मग़फ़िरत की दुआ मांगता हैं। इसके साथ ही मुस्लिम समाज ने देश की खुशहाली, सलामती और अमन व भाईचारे के लिए ख़ास दुआ मांगी है। इस मौके पर
सर्वधर्म संघ के अध्यक्ष मंजूर बेग, उपाध्यक्ष रियाज़ खान, मुकेश बजाज, याक़ूब खान, पत्रकार सरफराज खान, ज़ाकिर खान, ज़फ़र खान, फेज़ान बेग, समीर बेग, यूनुस खान, राजेश चौहान, प्रीतेश जैन, सतीश शर्मा, अकबर क़ाज़ी आदि ने शिरकत की। शहर काजी डॉक्टर इशरत अली ने कहा हिन्दू-मुस्लिम एकता से ही मुल्क की खूबसूरती है। उन्होंने कहा इस तरह के आयोजन से समाज में भाईचारा बढ़ेगा। मंज़ूर बेग ने कहा मौलाना, इमाम, हाफ़िज़ महीने भर नमाज़ पढ़ाने के साथ देश की खुशहाली के लिए दुआ करते हैं व समाज को रोशनी देने का काम करते हैं। ऐसी शख्सियतों का सम्मान कर हमें खुशी मिलती है।