…और अब न्यायालय में सुने जा रहे हैं इंदौर के ’भगवान कल्की’
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एक कार्यक्रम के दौरान भगवान कल्की बनकर जनता को संबोधित करते श्रद्धानंद मिश्रा
विहान हिंदुस्तान न्यूज
सनातनी धर्मग्रंथों की माने तो भगवान विष्णु के 10वें अवतार के रूप में भगवान कल्की को धरती पर आना है। भगवान कल्की के बारे में सनातन धर्म में काफी कुछ लिखा-बोला गया है। हालांकि इंदौर में ”कल्की भगवान” काफी समय पहले से ही चर्चा में है खासकर कलेक्टोरेट परिसर में तो उनकी आज भी चर्चा चलती है। अब ये भगवान कल्की न्यायालय में भी सुने जा रहे हैं। ये नवम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड व 19वें अपर जिला न्यायाधीश के यहां चल रहे प्रकरण में उपस्थित हो रहे हैं।
असल में इंदौर निवासी अभिभाषक पंडित श्रद्धानंद मिश्रा खुद को कल्की भगवान बताते रहे हैं। कुछ साल पहले तो उनके काफी अनुयायी भी कलेक्टोरेट कार्यालय में जुटे थे जो उस समय के समाचार पत्रों में काफी छपे भी थे। कभी गरीबों को पट्टा दिलाने तो कभी जमीन का हक दिलाने के लिए ये कल्की भगवान यानी अभिभाषक श्रद्धानंद मिश्रा हमेशा जनता के साथ खड़े रहते हैं। अब बात इनके न्यायालय में सुने जाने की है। असल में बायपास रोड पर मिर्जापुर गांव की एक जमीन है जिसे तपस्या स्थली बताया जाता है। यह तपस्या स्थली आध्यात्मिक गुरु और एसजीएसआईटीएस कॉलेज में प्रोफेसर रहे स्वामी श्रीधर बाजपेयी की थी। स्वामीजी ने यहां न सिर्फ मंदिर की स्थापना की बल्कि उनका काफी साहित्य भी यहां है। उन्होंने वैदिक साहित्य पर काफी रचनाएं लिखी है जिसमें गंगा दशहरा (13-6-2008) भी एक है और इसमें कल्की कल्प भी है। पंडित मिश्रा कहते हैं इसी कल्की कल्प के बाद मेरी मुलाकात स्वामीजी से हुई थी। पंडित श्रद्धानंद मिश्रा को स्वामी श्रीधर बाजपेयी ने दीक्षा दी और वे ही स्वामीजी से एकमात्र दीक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्ति हैं।
स्वामी श्रीधर बाजपेयी के देवलोकगमन के बाद इस तपस्या स्थली की बात आई। अभिभाषक मिश्रा का आरोप है कि स्वामीजी के बेटों ने इसे बेचने की तैयारी कर ली है। पंडित श्रद्धानंद मिश्रा का कहना है स्वामीजी के बेटों ने जमीन बेचने के लिए बाकायदा समाचार पत्रों में जाहिर सूचना निकाली। ये जमीन वे एक मुस्लिम व्यक्ति को बेच रहे थे जिसने मंदिर हटाने तक की बात कर दी थी। स्वामीजी के हम सभी अनुयायियों ने इस बात का जोरदार विरोध किया। उधर, स्वामीजी के अमेरिका में बैठे दोनों बेटों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। यही कारण रहा कि भक्तगण न्यायालय गए हैं। पंडित मिश्रा कहते हैं स्वामीजी के शक्तिपीठ को बचाने के लिए संघर्ष समिति भी बनाई गई है। स्वामी श्रीधर बाजपेयी के भांजे मनोज कुमार शुक्ला सहित स्वामीजी के परिवार के लगभग सभी लोग हमारे साथ हैं। स्वामीजी के दोनों बेटे सिर्फ जमीन से मिलने वाला पैसा देख रहे हैं जबकि स्वामीजी इस जमीन को पहले ही एक ट्रस्ट बनाकर संचालित करने का कह गए थे। हम इस जमीन को बिकने नहीं देंगे और यहां स्वामीजी की योजना के मुताबिक इसका विकास करेंगे।
कौन है इंदौर के ’कल्की भगवान”…
आपको ये बता दें कि इंदौर के पंडित श्रद्धानंद मिश्रा पिछले 35 सालों से वकालात कर रहे हैं। इंदौर बार एसोसिएशन के सदस्य होने के साथ-साथ ये समय-समय पर भगवा वस्त्र धारण करके धार्मिक यात्राएं भी निकालते हैं। कुछ समय पहले चंदननगर थाना क्षेत्र में विवादित पर्चे बांटने में पंडित श्रद्धानंद मिश्रा का नाम भी आया था। पूर्व पार्षद मुबारिक मंसूरी ने पंडित मिश्रा पर पर्चे बनाकर बांटने के आरोप भी लगाए थे लेकिन न्यायालय में आरोप सिद्ध नहीं हो सके थे। जब इस प्रतिनिधि ने खुद को भगवान कल्की बताने वाले पंडित श्रद्धानंद मिश्रा से यह सवाल किया कि वे खुद को भगवान कल्की का अवतार मानते हैं? इस पर पंडित श्रद्धानंद मिश्रा का कहना था मैं उनके द्वारा बताए गए पौराणिक अवधारणा के आधार पर कल्की अवतार को साकार करने के लिए निरंतर सक्रिय हूं। पंडित मिश्रा ने कहा मैं जनता की सेवा में लगा हूं और किसी पर अन्याय होता देख सहन नहीं कर सकता। स्वामी श्रीधर बाजपेयी के लालची बेटों की करतूतों को हम जनता के सामने लाएंगे और राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे।
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