विष्णु, मोहन के बाद राजस्थान में अब भजन होंगे मुख्यमंत्री, पहली बार बने हैं विधायक
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भजनलाल शर्मा
विहान हिंदुस्तान न्यूज
भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनावों में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और म.प्र. में एकतरफा जीत दर्ज करके जहां सभी को चकित कर दिया था वहीं इन तीनों ही राज्यों में नए नामों को मुख्यमंत्री बनाकर अपनी पार्टी के ही कार्यकर्ताओं को भी चौंका दिया। छत्तीसगढ़ में विष्णु साय, म.प्र. में डॉ. मोहन यादव के बाद आज राजस्थान में पार्टी ने भजनलाल शर्मा को अपना मुख्यमंत्री बनाया है। यहां वसुंधरा राजे सिंधिया जहां अपना दावा मजबूत करने के लिए काफी प्रयास कर रही थी जो आज उन्होंने ही भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा। राजस्थान में दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम चुना गया है। भजनलाल शर्मा का नाम इसलिए भी चौंकाने वाला है कि वे पहली बार ही विधायक बने हैं। 55 वर्षीय भजनलाल शर्मा जयपुर के सांगानेरी से चुनाव लड़े थे। इससे पहले साल 2003 में भजनलाल शर्मा नदबई से निर्दलीय के रूप में चुनाव में उतरे थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। एक मुनीम के रूप में नौकरी कर भाजपा के लिए काम करने वाले भजनलाल शर्मा के पास 1 करोड़ रु. की चल-अचल संपत्ति तो है लेकिन 35 लाख रुपये कर्ज भी है। भाजपा में सुबह से ही काफी उधल-पुथल देखने को मिल रही थी। सुबह से ही वसुंधरा राजे सिंधिया के निवास के आसपास पुलिस का काफी पहरा था और सड़क को बंद कर दिया गया था। केंद्रीय मंत्री राजनाथसिंह ने विधायक दल की बैठक में बताया कि वसुंधरा राजे सिंधिया ने भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा है जिसके बाद सभी विधायकों ने औपचारिकता निभाते हुए उन्हें दल का नेता चुन लिया। चूंकि पहली बार विधायक बनते ही सीएम की कुर्सी लेने वाले भजनलाल शर्मा के बारे में जानकारी निकाली गई तो पता चला वे अमित शाह के काफी करीबी हैं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने ही उनके नाम को आगे बढ़ाया था। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में कोई कुछ भी कहे लेकिन चेहरा पार्टी का राष्ट्रीय संगठन ही तय करेगा। पार्टी ने जातिगत समीकरण भी राजस्थान में देखा जिससे ब्राह्मण को सीएम जबकि डिप्टी सीएम के रूप में एक राजपूत व दूसरा एससी का बनाया है। राजस्थान में 15 दिसंबर को शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।