भारत से खत्म हो रही पैरासिटामाल टेबलेट !

बुखार के लिए भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामाल टेबलेट का निर्माण लगभग बंद होने की सूचना आ रही है। कोरोनाकाल में जिस पैरासिटामाल टेबलेट ने अमेरिका जैसी महाशक्ति को भारत के आगे गिड़गिड़ाने के लिए मजबूर कर दिया था वह टेबलेट हमारे देश के एक कानून के कारण कंपनियां बंद करती नजर आ रही है। अभी तक चीन की मदद से हम यह टेबलेट बनाते आए थे, हालांकि ऐसा नहीं है कि यह टेबलेट हम अकेले ही नहीं बना पा रहे लेकिन भारत में जो कानून है उसके कारण यह महंगी पड़ रही है जिससे निर्माता कंपनियां बच रही है।

इस टेबलेट को बनाने के लिए चीन से एक पावडर आता था जो हमारी कंपनियां उपयोग करती थी। इस पावडर के कारण यह टेबलेट भारत में एक रुपये की पड़ती थी। यदि भारत में इस पावडर का निर्माण कर टेबलेट बनाई जाए तो यह ढाई रूपये की पड़ रही है लेकिन भारत सरकार का एक कानून ऐसा आड़े आ रहा है जिसके कारण कोई कंपनी इसे बनाना नहीं चाह रही है। भारत में ड्रग प्राइज कंट्रोल आर्डर (डीपीसीओ) लागू है। इस एक्ट के चलते कोई भी लाइफ सेविंग ड्रग की कीमत एक रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अधिकांश मामलों में यह एक्ट अच्छा भी है क्योंकि इससे पहले कई लाइफ सेविंग ड्रग्स महंगे बिकते थे। विहान हिंदुस्तान को मिली जानकारी के अनुसार बाजार में अभी चैन माल बिक रहा है। यदि कुछ दिन और ऐसा ही रहा तो पैरासिटामाल टेबलेट की कमी हो सकती है और जिस टेबलेट पर पूरे देश को गर्व था उसका खस्ताहाल होता देख सारे भारतवंशी निराश ही होंगे।

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