गुजरात के 60 प्रतिशत मंत्री कॉलेज में पढ़ ही नहीं पाए, चौथी पास से पीएचडी तक की डिग्री वाले हैं मंत्री
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
गुजरात में भाजपा ने नया मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को बनाया जिन्होंने मंत्रिमंडल में पिछले सीएम विजय रुपाणी के मंत्रिमंडल को लगभग पूरा ही बदल डाला। पटेल के मंत्रिमंडल में यदि शिक्षा को देखें तो यह सबसे कमजोर पहलु इस मंत्रिमंडल का सामने आता है। इसमें 60 प्रतिशत मंत्री तो ऐसे हैं जो कॉलेज में पढ़ाई कर ही नहीं पाए। राज्य के पशुपालन और गौ-संवर्धन मंत्री देवाभाई मालम सबसे कम पढ़े हैं जिन्होंने चौथी कक्षा ही देखी। कैबिनेट मंत्रियों में सबसे अधिक पढ़ाई महिसागर के संतरामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रोफेसर कुबेर डिंडोर ने की है जिन्होंने हिंदी भाषा में मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने के साथ पीएचडी की है।
हाल ही में भूपेंद्र पटेल व उनके मंत्रिमंडल ने शपथ लेकर राज्य में कामकाज शुरू किया। नए मंत्रियों में से 52 फीसदी मंत्री 30 से 50 साल की उम्र के हैं। पटेल का नया मंत्रिमंडल अपेक्षाकृत युवा जरूर है लेकिन 52 फीसदी मंत्री कक्षा 12 से आगे बढ़ ही नहीं पाए। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की बात करें तो उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। पटेल की सरकार में 15 मंत्री ऐसे हैं जो ग्रेजुएट नहीं हैं, यानी मंत्रिमंडल के 60 फीसदी मंत्रियों ने कभी कॉलेज नहीं देखा। मंत्रिमंडल के 11 सदस्यों ने कक्षा 8 से 12 के बीच की ही पढ़ाई की है। कैबिनेट मंत्री बने लिंबड़ी से किरीटसिंह राणा, गणदेवी से नरेश पटेल और असारवा से प्रदीप परमार ने कक्षा 10 तक ही पढ़ाई की है। सूरत के मजूरा विधानसभा से विधायक और गृह राज्य मंत्री बने हर्ष सांघवी और कपराड़ा सीट से विधायक जीतूभाई चौधरी ने नौवीं क्लास पास की है। राज्य मंत्रियों की सूची देखें तो पाएंगे ओलपाड से मुकेश पटेल ने कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई की है। राजकोट से अरविंद रैयाणी ने 9वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है जबकि महुवा से आर.सी. मकवाना और कतारगाम से विनुभाई मोरडिया ने 10वीं कक्षा से कम की पढ़ाई की है। निमिषाबहेन सुथार और कीर्तिसिंह वाघेला ने कॉलेज में सिर्फ एक साल ही पढ़ाई की है।
28 प्रतिशत मंत्रियों पर दर्ज हैं अपराधिक मामले
भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुधार के लिए काम करने वाली स्वतंत्र संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने गुजरात के इस मंत्रिमंडल के सदस्यों की योग्यता का विश्लेषण किया है। एडीआर के अनुसार कैबिनेट के 25 में से सात मंत्रियों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं। ये कुल कैबिनेट सदस्यों का 28 फीसदी है। इनमें से तीन पर गंभीर आरोप लगे हैं। यदि हम कर्ज की बात करें तो आपको बता दें 18 मंत्रियों पर कर्ज़ है। अहमदाबाद के निकोल के विधायक जगदीश पांचाल ने हलफनामे में 3.13 करोड़ रुपये का कर्ज घोषित किया है जो सबसे ज्यादा कर्ज लेने वाले मंत्री हैं। गुजरात कैबिनेट के 78 फीसदी यानी 19 मंत्री करोड़पति हैं और उनकी औसत संपत्ति तीन करोड़ 95 लाख रुपये है। सबसे अमीर मंत्री हैं विसनगर के ऋषिकेश पटेल जिनके पास संपत्ति 14 करोड़ 95 लाख रुपये की संपत्ति है। महमदाबाद सीट से विधायक अर्जुन सिंह चौहाण के पास सबसे कम संपत्ति है। उनके हलफनामे के अनुसार उनके पास 12 लाख 57 हजार रुपये की संपत्ति है।