बिजली कंपनी – सरकार ने सब्सिडी नहीं दी तो चोरी की राशि हजम कर गई कंपनियां….
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सरकार की खुद की कंपनियां भी उसे चूना लगाने से बाज नहीं आ रही है। ताजा मामला म.प्र. की बिजली कंपनियों का है जिन्होंने चोरी की बिजली की राशि के 52.40 करोड़ रु. सिर्फ इसलिए नहीं सरकार के खाते में जमा किए क्योंकि उन्हें सरकार ने सब्सिडी नहीं दी। इसमें सर्वाधिक 28.84 करोड़ रु. पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी का है जिसमें इंदौर-उज्जैन संभाग शामिल है।
प्रदेश की तीनों पूर्व, मध्य व पश्चिम विद्युत वितरण कंपनियों ने लंबे समय से चोरी की बिजली पकड़ने से वसूली गई राशि खुद की जेब में रखी है। जब जनवरी 2019 में इस बात की जांच हुई तो यह खुलासा हुआ। जब सरकार की जांच एजेंसी ने इनसे स्पष्टीकरण मांगा तो इनका जवाब चौंकाने वाला था। असल में तीनों बिजली कंपनियों को डिस्कॉम कंपनियां नाम दिया गया है। डिस्कॉम ने जवाब दिया की सरकार ने वर्ष 2006-07 से लेकर जांच के समय तक सरकार ने सब्सिडी की राशि इन कंपनियों को नहीं दी। जब सब्सिडी नहीं मिली तो इन कंपनियों ने बिजली चोरी के प्रकरणों से प्राप्त हुई राशि को अपने खाते में ही जमा कर लिया। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (28.84 करोड़ रु.) के अलावा पूर्व क्षेत्र ने 5.16 करोड़ रु. तथा मध्य क्षेत्र ने 18.40 करोड़ रु. जमा नहीं किए हैं।