इलेक्टोरल बांड: ईडी-सीबीआई-आयकर विभाग की कार्रवाई पर रहेगा ध्यान, टॉप 3 चंदा देने वालों में से दो दक्षिण की कंपनियां, गुजरात यहां दूरी पर दिखा…

मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज

भारत निर्वाचन आयोग ने देश में लोकसभा चुनावों की तारीखें घोषित कर दी है। 19 अप्रैल से मतदान शुरू होगा जो 1 जून तक चलेगा। 7 चरणों में होने वाले इस चुनाव का नतीजा 4 जून को आना है। आचार संहिता चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही लग गई है और अब से करीब 80 दिन बचे हैं जिसमें सरकारी एजेंसियां खुलकर काम कर सकती है। अब देखना यह है कि इलेक्टोरल बांड मामले में ईडी-सीबीआई-आयकर विभाग क्या कार्रवाई करता है? कार्रवाई करने का प्रमुख कारण जितना टर्न ओवर नहीं है उससे ज्यादा का चंदा कैसे दे दिया गया? ध्यान देने वाली बात तो यह है कि टॉप-3 डोनर्स की सूची में दो दक्षिण भारत की है यानी यहां गुजरात पिछड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के कारण गुजरात के उद्योगपतियों को विपक्ष निशाने पर लेता है।

वैसे तो इलेक्टोरल बांड के इस ‘हमाम’ में तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियां शामिल है। सभी ने यह चंदा लिया है। बात यह आती है कि जिस कंपनी ने यह चंदा दिया उस कंपनी के बारे में क्या राजनीतिक पार्टी को जानकारी नहीं थी? इतने साल से ये पार्टियां खामोश क्यों रही खासकर विपक्ष? सुप्रीम कोर्ट यदि सख्त नहीं होता तो न जाने कितनी कंपनियां और खुल जाती? आप यदि देखें तो कुछ कंपनियां ऐसी भी है ​जो खुद को घाटे में बताती है और वह चंदे की बड़ी रकम किसी पार्टी को दे रही है। इन कंपनियों पर तो ईडी व आयकर विभाग को सीधे तौर पर कार्रवाई करना चाहिए। ईडी-आयकर विभाग-सीबीआई क्या करेंगे यह तो समय ही बताएगा लेकिन अब सोशल मीडिया यूजर्स भी चंदा देने वाली इन कंपनियों पर कटाक्ष कर रहे हैं। एक्स पर मुंबई की एक महिला प्रियंका देशमुख ने भारती एयरटेल से सवाल किया। प्रियंका ने पूछा हैलो एयरटेल कुछ कन्फ्यूजन है। सामने से एयरटेल ने समस्या पूछी तो प्रियंका ने कहा आपकी कंपनी 300 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है तो फिर आपने भाजपा को 300 करोड़ रुपये का चंदा कैसे दिया? (भाजपा को चंदा देने का सवाल प्रियंका का है हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया है।) बताया जा रहा है कि यूजर के इस सवाल के बाद एयरटेल ने अपने सिस्टम जनरेटेड अकाउंट को हटा दिया। ध्यान देने वाली बात तो यह है कि भारती समूह की सब्सिडरी कंपनी भारती एयरटेल है और इन दोनों कंपनियों ने ही चंदा दिया है। भारती समूह ने 247 करोड़ रुपये का तो भारती एयरटेल ने 183 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।

टॉप तीन में दो दक्षिण भारत की कंपनियां है, कई कंपनियों में मालिक भी एक

अप्रैल 2019 से फरवरी 2024 का डेटा अभी एसबीआई ने दिया है। इससे पहले का डेटा अभी आना बाकी है। जो डेटा दिया गया है उसमें 12156 करोड़ रु. का चंदा देना सामने आया है। इसमें से आधी राशि तो सिर्फ 20 कंपनियों ने ही दे दी। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि चंदा देने वाली टॉप 3 कंपनियों में से दो दक्षिण भारत की है। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 1368 करोड़ रु. का चंदा दिया है। यह कंपनी लॉटरी कंपनी है और इसकी स्थापना 30 दिसंबर 1992 को हुई जिसका हेडक्वार्टर तमिलनाडू के कोयंबटूर में है। इस कंपनी के मालिक सेंटियागो मार्टिन है जिन्हें लॉटरी किंग भी कहा जाता है। आप यदि इस कंपनी का शुद्ध मुनाफा देखेंगे तो आपको आश्चर्य होगा जो मात्र 215 करो़ड़ रुपये है। यानी मुनाफे से कहीं ज्यादा चंदा दिया गया है।  

दूसरे नंबर पर आती है मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जिसने 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। यह कंपनी तेलंगाना के हैदराबाद में है। इस कंपनी की स्थापना 7 जून 2006 को हुई हालांकि इससे पहले कृष्णा के चाचा पामरेड्डी पिचीरेड्डी इस कंपनी को संचालित करते थे और उन्होंने 1989 में ही इसकी स्थापना की। पी.वी. कृष्णा रेड्डी बाद में जुड़े और अब वे ही इस कंपनी को संचालित करते हैं। इसके मालिक पी.वी. कृष्णा रेड्डी है जिन्हें साल 2023 में भारत के 100 सबसे अमीर लोगों में शामिल किया गया था। खास बात तो यह है कि पी.वी. कृष्णा रेड्डी की एक और कंपनी है वेस्टर्न यूपी पॉवर लिमिटेड जिसने 220 करोड़ रु. का चंदा दिया।

तीसरे नंबर की कंपनी क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड है जिसने 410 करोड़ रुपये का चंदा दिया। 9 नवंबर 2000 को स्थापित हुई इस कंपनी का हेडक्वार्टर मुंबई (महाराष्ट्र) में है। क्विक सप्लाई चेन कंपनी का भी मुनाफा मात्र 109 करोड़ रु. है लेकिन उसने 410 करोड़ रु. का चंदा दिया।

छापेमारी के बाद दिया गया चंदा…

सबसे ज्यादा चर्चा तो इस बात की हो रही है कि जिन कंपनियों के यहां आयकर-ईडी के छापे लगे उसके बाद उन्होंने चंदा दिया। अधिकांश ने चंदा छापे (इलेक्टोरल बांड खरीदे) की कार्रवाई के एक सप्ताह बाद ही दिया। अब बात यह उठ रही है कि चंदा देने के बाद ईडी-आयकर विभाग ने आगे क्या कार्रवाई की है? फ्यूचर गेमिंग, अरबिंदो फार्मा, शिर्डी साई इले., टोरेंट पॉवर, डॉ. रेड्डीज, कल्पतरू प्रो., माइक्रो लैब्स, हीरो मोटोकार्प, एपको इंफ्रा, यशोदा हॉस्पिटल आदि कंपनियां है जहां कार्रवाई के बाद उन्होंने इलेक्टोरल बांड खरीदे। किन राजनीतिक पार्टियों ने कब ये इलेक्टोरल बांड भुनाए इसकी जानकारी सामने आने के बाद राजनीति और गर्माएगी। कुल मिलाकर आने वाले 80 दिन देश में काफी गर्मा-गर्मी वाले रहेंगे।

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