आयकर में छूट : सरकार की मंशा बचत आधारित अर्थव्यवस्था के बजाय खर्च आधारित अर्थव्यवस्था बनाना
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सीए प्रवीण गुप्ता
प्रवीण गुप्ता, चार्डट अकाउंटेंट (विहान हिंदुस्तान न्यूज)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जो बजट पेश किया उसमें इनकम टैक्स को लेकर दी गई छूट काफी चर्चा में है। इसके संबंध में मैं आपसे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर रहा हूं।
आयकर में व्यक्तिगत आयकर दाता के टैक्स की गणना के दो तरीके हैं न्यू रिजीम व ओल्ड रिजीम। ओल्ड रिजीम के अंतर्गत जब आप निवेश करते हैं जिसमें इंश्योरेंस, मेडिक्लेम, पीपीएफ, ईएलएसएस व अन्य निवेश योजना आती है वह सरकार की आयकर छूट में पात्र मानी जाती है। न्यू रिजीम के अंतर्गत आप जितना कमाते हैं उसके आधार पर स्लैब के अनुसार आप टैक्स देते हैं यानी निवेश की कोई छूट नहीं मिलती है। सरकार ने इस बजट के अंतर्गत न्यू रिजीम में तो टैक्स में राहत दी है जिसका स्लैब बढ़ा दिया है। इसमें 7 लाख रुपये तक आय करमुक्त की गई है लेकिन ओल्ड रिजीम के अंतर्गत सरकार ने कोई भी राहत नहीं दी है। वह करमुक्त आय अब भी 5 लाख रुपये तक की है जबकि ओल्ड रिजीम आयकरदाता को बचत के लिए प्रोत्साहित करती थी। इससे ये समझ में आता है कि सरकार का उद्देश्य बचत आधारित अर्थव्यवस्था की जगह खर्च आधारित अर्थव्यवस्था बनाना है।
नई टैक्स स्लैब (New Regime)
Total Income Rate of Tax
1. Upto Rs.3,00,000 Nil
2. From Rs.3,00,001 to Rs.6,00,000 5 per cent.
3. From Rs.6,00,001 to Rs.9,00,000 10 per cent.
4. From Rs.9,00,001 to Rs.12,00,000 15 per cent.
5. From Rs.12,00,001 to Rs.15,00,000 20 per cent.
6. Above Rs.15,00,000 30 per cent.
Old Scheme Slab
(1) upto Rs. 2,50,000 Nil
(2) Rs. 2,50,001 to Rs. 5,00,000 5 per cent.
(3) Rs. 5,00,001 to Rs. 10,00,000 20 per cent.
(4) Total income exceeds Rs. 10,00,000 30 per cent.