ये दिवाली बगैर मास्क वाली..!
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
पिछले साल की दिवाली शायद कोई याद न रखना चाहे। जीवन में पहली बार मास्क लगाकर लोगों ने दिवाली मनाई होगी क्योंकि कोरोना वायरस ने पैर जो पसार लिए थे। पिछला साल तो कोरोना से बचने के लिए मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का ही सहारा लोगों ने लिया। इस साल कोरोना के लिए वैक्सीन आ गई जिसकी शुरुआत में कमी तो रही लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ इसकी व्यवस्था कराई बल्कि देश के करीब एक अरब लोगों को डोज लगा भी दिए गए। भारत में 18 साल से ऊपर के आधे से ज्यादा लोग ऐसे हो गए हैं जिन्होंने दोनों डोज लगवा लिए। 2 से 18 साल के बीच के बच्चों के लिए भी अब वैक्सीन लगाने की शुरुआत की जा रही है। संभव है अक्टूबर अंत या नवंबर के शुरुआती दो सप्ताह में यह काम शुरू हो जाएगा। कुल मिलाकर देश में लगभग आधी आबादी को दोनों वैक्सीन लग गई जिससे इस बार की दिवाली बगैर मास्क वाली हो सकती है।
दशहरे पर अधिकांश लोगों ने मास्क नहीं पहने हालांकि सरकार ने अभी मास्क अनिवार्य करके ही रखा है लेकिन लोगों ने इसे पहनना छोड़ दिया है। अब सरकार की मास्क या सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सख्ती भी नहीं है जिससे यही माना जा रहा है कि कोरोना से अब भय न करें सिर्फ बचाव करें। सरकार भी अघोषित रूप से मास्क के बगैर दिवाली सेलिब्रेट करने देगी यानी सबकुछ ठीक रहा तो वह मास्क लगाने पर दबाव नहीं डालेगी। ..लेकिन रूस की स्थिति भी देखना होगी जहां शनिवार को ही एक हजार लोगों ने कोरोना के प्रकोप के चलते दम तोड़ दिया। खास बात तो यह है कि जिस स्पूतनिक वैक्सीन को खुद रूस बनाकर विभिन्न देशों में बेच रहा है उसके यहां कोरोना का इतना घातक रिवर्स अटैक होगा यह सोचा नहीं जा सकता था। बड़ी बात यह है कि रूस के लोगों को कोरोना के टीकों पर यकीन नहीं है जिसके कारण यहां टीकाकरण की रफ्तार काफी धीमी रही जिसके कारण भी कोरोना के वापसी मानी जा रही है। इधर, भारत में वैक्सीनेशन की रफ्तार विश्व में सबसे तेज रही। हमारे देश में एक दिन में दो करोड़ तक टीके लगे जो न्यूजीलैंड की आबादी के बराबर है। अप्रैल 2021 में भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने लाखों की संख्या में जाने ली। इसके चलते और सरकार के जागरूकता अभियान के कारण लोगों में टीका लगवाने की स्वत: ही इच्छा जागृत हुई। जिस तरह से टीकाकरण किया जा चुका है उससे लगता है अब भारत में कोरोना का खतरा काफी कम रहेगा हालांकि यह देखना होगा कि वैक्सीन का असर कब तक रहता है। अब धरती पर कोरोना भी रहेगा और उसकी वैक्सीन भी रहेगी जिसका समय-समय पर उपयोग होता रहेगा तो कोरोना से बचे रहेंगे।