सरकारी स्कूल के शिक्षक ने चुनाव ड्यूटी करने के लिए रखी शर्त, शादी कराओं और दहेज भी दिलवाओं…कलेक्टर ने किया सस्पेंड

विहान हिंदुस्तान न्यूज

जब भी चुनाव आते हैं सरकारी कर्मचारियों में चुनावी ड्यूटी से बचने की कोशिशें होने लगती है हालांकि यह सभी नहीं करते हैं। स्कूली शिक्षा विभाग में तो ऐसे कई कर्मचारी हैं जो अपने तरीके से ड्यूटी से बचते हैं। …लेकिन सतना के एक टीचर ने तो अजीब ही मांग रख दी। उसने चुनावी ड्यूटी करने के लिए शर्त रख दी। शर्त में उसने कहा कि जब तक मेरी शादी नहीं कराते हो और मुझे दहेज में साढ़े तीन लाख रु. और फ्लैट के लिए लोन नहीं कराते हो मैं चुनाव की ड्यूटी नहीं करूंगा। कलेक्टर ने इस शिक्षक को निलंबित कर दिया है हालांकि दहेज मांगने के लिए इस शिक्षक पर पुलिस प्रकरण भी दर्ज हो सकता है।

यह मामला है सतना जिले के अमरपाटन के एक सरकारी स्कूल का। यहां अखिलेश कुमार मिश्रा (35) संस्कृत के शिक्षक हैं। मिश्रा को चुनाव ट्रेनिंग के लिए 16-17 अक्टूबर को बुलाया गया था लेकिन ये ड्यूटी पर नहीं गए। इसे लेकर जब कारण बताओं नोटिस मिला तो मिश्रा ने जवाब में जो लिखा उससे कलेक्टर नाराज हो गए और मिश्रा को निलंबित कर दिया। असल में मिश्रा ने कारण बताओं पत्र के जवाब में लिखा कि अब तक मेरी पूरी जिंदगी शादी के बगैर कटी है, सारी रातें बर्बाद हो गई है। पहले मेरी शादी कराओ। शादी को लेकर भी इस बंदे ने लिखा कि उसे दहेज में साढ़े तीन लाख रुपये दिए जाए और फ्लैट खरीदने के लिए लोन भी दिलाया जाए। यह पत्र जब कलेक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने तुरंत ही इस शिक्षक के निलंबन के आदेश जारी कर दिए। हालांकि शिक्षा विभाग के लोगों का कहना है जो अखिलेश कुमार मिश्रा को जानते हैं कि वे मानसिक रूप से कुछ कमजोर हो गए हैं। एक साल से ज्यादा समय से वे मोबाइल भी पास नहीं रखते हैं। शादी को लेकर यह शिक्षक स्कूल में चर्चा का केंद्र बना रहता है। हालांकि प्रशासन के सामने यह तथ्य जरूर रखा जाना चाहिए कि जो लिखित में इस तरह की बातें कह रहा है उसकी मानसिक स्थिति क्या होगी? क्या ऐसे व्यक्ति की मानसिक जांच नहीं कराई जाना चाहिए? संभव है यह व्यक्ति भविष्य में स्कूली बच्चों को कोई नुकसान पहुंचा दे! देखना यह है कि अखिलेश कुमार मिश्रा पर आगे और क्या-क्या कार्यवाही होती है।

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