मुख्यमंत्री का चेहरा बदला, अब नए चेहरे वाले मंत्री भी बनाएगी भाजपा!…बड़े चेहरे वालों का उपयोग क्या होगा?
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
जब भाजपा कार्यालय पर विधायकों का फोटो सेशन चल रहा था तब कोने में एक मुस्कुराता चेहरा झलक रहा था। फोटो सेशन के कुछ देर बाद यह चेहरा एकाएक म.प्र. का मुखिया हो जाएगा किसी ने सोचा भी नहीं था। यह चेहरा डॉ. मोहन यादव का था जो म.प्र. के मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। बताया जा रहा है भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति अब मंत्रीमंडल में नए चेहरे भी लाना चाहती है यानी हर बार मंत्री बनने वाले कई विधायक अब बाहर हो सकते हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि कद्दावर नामों का क्या होगा?
जैसे ही विधायक दल की बैठक समाप्त हुई पर्यवेक्षक मनोहरलाल खट्टर ने डॉ. मोहन यादव के नाम पर लगी मुहर को सभी के सामने रखा। साथ ही डिप्टी सीएम के पद के लिए जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ला और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम की भी घोषणा की। इन नामों व उनके पदों की जानकारी सामने आने के बाद सबसे पहली चर्चा शिवराजसिंह चौहान के नाम की हुई कि उन्हें क्या काम दिया जाएगा? कहा जा रहा है कि शिवराजसिंह चौहान को राष्ट्रीय संगठन में कोई स्थान दिया जाएगा क्योंकि इतने साल तक म.प्र. का मुख्यमंत्री रहने के बाद उन्हें डॉ. मोहन यादव के अंडर में काम करना पड़े यह डॉ. मोहन यादव के लिए भी दिक्कतभरा हो सकता है। कुछ यही स्थिति कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, राकेश सिंह, जयंत मलैया, गोपाल भार्गव के साथ भी बनेगी जो डॉ. मोहन यादव से काफी वरिष्ठ हैं। डॉ. मोहन यादव के बारे में बात करें तो वे उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहें हैं और पर्यटन विकास निगम में भी अध्यक्ष पद का दायित्व निभा चुके हैं। 2020 में जब भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया था। आज जब विधायक दल की बैठक हुई तो शिवराजसिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद के लिए डॉ. मोहन यादव का नाम रखा जिसके बाद सभी ने एकमत से उनके नाम पर मुहर लगा दी। कहा जा रहा है भाजपा का राष्ट्रीय संगठन अब कुछ नए चेहरों को मंत्री पद के लिए मौका दे सकता है। इसके तहत जो तीन से चार बार विधायक पद के लिए चुने गए हैं और उन्हें मंत्री बनने का मौका नहीं मिला है, उन्हें कोई न कोई मंत्रालय दिया जा सकता है। इसके पीछे कारण यह भी बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय संगठन पूरी तरह से नए चेहरों वाली सरकार जनता के बीच भेजना चाहती है ताकि जो लोग पुरानी सरकार में किसी मंत्री या उक्त विभाग से नाराज हो वे भी साफ्ट कार्नर रखकर लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट दे सके। अब देखना यह होगा कि कितने पुराने मंत्री बाहर होते हैं और कितने नए चेहरे मंत्रीमंडल में शामिल होते हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि मंत्रीमंडल में कितनी महिलाओं को स्थान दिया जाता है? शपथग्रहण समारोह कब होगा इस बारे में बताया जा रहा है कि गुरुवार को यह आयोजन हो सकता है। इसी दिन मंत्रियों के नाम की भी घोषणा की जा सकती है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान राजभवन पहुंच गए हैं जहां उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।