कोरोना ने भारत को कहा चक दे, चीन हुआ पस्त

कोरोना महामारी से पूरा विश्व हिल गया है। भारत भी इनमें से एक है लेकिन कोरोना ने हमारे देश को एक नई राह जरूर दिखाई है। यह नई राह चीन के बजाय भारत में ही सामान निर्माण की है। अब कई सामान जो पहले चीन से बुलाए जाते थे वह अब भारत ही बनाने लगा है। इससे हमारे देश में रोजगार भी बढ़ रहा है और लोगों को सही सामान भी मिल रहा है। चीन से मंगाया जाने वाला सामान टिकाऊ भी नहीं होता था जिसके कारण लोगों को कई बार यह दोगुने दाम में भी पड़ जाता था।

जब कोरोना नाम की इस घातक बीमारी ने भारत में भी अपने पैर पसारे तब हमारी जनता को यह पता चला चीन हमारे देश में कितनी अंदर तक घुस गया है। यह घुसपैठ वहां बने सामानों को लेकर है। लेकिन अब भारत की जनता के साथ उद्योगपतियों को भी समझ आ गई है कि हम चीन के बजाय खुद ही यहां वह माल तैयार कर सकते हैं जो चीन से आता था। इसी कड़ी में हमारी फॉर्मास्यूटिकल्स कंपनियों ने काफी प्रशंसनीय कार्य किया है। इससे कुछ प्रोडक्ट्स तो चीन से सस्ते भी हो गए और उनमें से कुछ की गारंटी भी मिल रही है।

ये हैं वह प्रोडक्ट्स

एन 95 मास्क : यह मास्क कोरोना के भारत में आते ही काफी बिका था। तब यह चीन से ही मंगाया जाता था। लॉकडाउन के दौरान यह मास्क 350 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की कीमत पर बिका। अब इसे भारत की ही स्वॉस कंपनी बना रही है। खुश होने वाली बात यह है कि इसकी कीमत १99 रुपये है जो चीन से मंगाएं जाने वाले मास्क की कीमत से काफी कम है।

पीपीई किट : लॉकडाउन के समय पीपीई किट को लेकर काफी हल्ला मचा था। चूंकि यह चीन से ही आती थी जिससे कुछ जगह इसकी शार्टेज भी देखने को मिली थी। चीन से तब यह 600 रुपये में आती थी जिसे कुछ स्थानीय कंपनियों ने मनमानी कीमत पर भी बेचा। पांच-पांच हजार रुपये तक यह किट बिकी थी। अब भारत में ही इसका प्रोडेक्शन होने लगा है और भारत निर्मित यह किट मात्र १00 रुपये में मिल रही है।

ब्लड प्रेशर डिजीटल मशीन : इस मशीन पर भी लगभग चीनी एकाधिकार था लेकिन अब इसका निर्माण भी भारत में होने लगा है। चीन से यह 1300 रुपये में मिलती थी लेकिन अब यह भारत में जब से बनने लगी है तब से इसकी कीमत 900 रुपये हो गई है।

इन्फ्रारेड थर्मामीटर : कोरोनाकाल में जो चीज सबसे ज्यादा ख्यात हुई वह इन्फ्रारेड थर्मामीटर है जिसे गन के नाम से ज्यादा प्रसिद्धी मिली। यह गन चीन से ही हमारे देश में आया करती थी। यह 2000 रुपये मूल्य की थी लेकिन भारत में इसे 6000 से 7000 रुपये तक में बेचा गया। अब भारत में रिलोम कंपनी ने इन्फ्रारेड थर्मामीटर बनाना शुरू कर दिया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसकी कीमत मात्र 900 रुपये है और एक साल की गारंटी भी कंपनी दे रही है जो चीनी माल पर नहीं मिलती थी।

मच्छर मारने के रैकेट : मास्किटो रैकेट यानि मच्छर मारने का रैकेट तो तकरीबन हर घर में ही मिलेगा। यह रैकेट भारत में चीन से ही आते थे जो 250 रुपये से 300 रुपये तक बिकते थे। चीन से आने वाले रैकेट्स उपयोगी तो खूब होते हैं लेकिन चीन से आने वाले रैकेट्स घटिया क्वालिटी के होते थे। जरा सा जमीन पर गिरे नहीं की खराब हो जाते थे। अब भारत में ही यह बनने लगे हैं। मच्छर मारने की दवाई बनाने वाली ख्यात कंपनी हिट भी रैकेट्स बना रही है। हालांकि हिट कंपनी के रैकेट्स कुछ महंगे (499 रुपये) जरूर है लेकिन तीन महीने की कंपनी गारंटी भी दे रही है। वैसे कुछ अन्य कंपनियां भी ये रैकेट बनाने लगी है जो १50 रुपये कीमत या इसकी आसपास की कीमत के है।

हिटिंग पैड : चीन हमारे देश में बड़ी मात्रा में हिटिंग पैड्स बेचता था। ये पैड्स 300 रुपये से 800 रुपये तक भारत के बाजार में बिकते थे। अब विस्को व टायसन जैसी प्रसिद्ध कंपनियां इन हिटिंग पैड्स को बना रही है। अब ये पैड्स 600 रुपये मूल्य के बिक रहे हैं।

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