अगले हफ्ते केंद्र बढ़ाएगा अपने कर्मचारियों का 4 प्रतिशत डीए, अप्रैल में म.प्र. सरकार करेगी इजाफा

विहान हिंदुस्तान न्यूज

सरकारी कर्मचारियों का वेतन फिर से बढ़ने जा रहा है। इस बार केंद्र सरकार 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) दे सकती है जिसकी घोषणा अगले हफ्ते किसी भी दिन की जा सकती है। म.प्र. की शिवराजसिंह चौहान सरकार भी इस महंगाई भत्ते को 4 प्रतिशत की दर से ही बढ़ाएगी हालांकि यह अप्रैल माह में दिया जा सकता है। रोचक तथ्य यह रहेगा कि राजस्थान व छत्तीसगढ़ सरकार क्या करेगी…?

इस साल के अंत में म.प्र., राजस्थान व छत्तीसगढ़ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। केंद्र सरकार के लिए चुनाव 2024 के अप्रैल-मई माह में संभव हैं। हर वर्ष केंद्र सरकार साल में दो बार केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़ाती है जिसमें पहली छह माही जनवरी से जून और दूसरी जुलाई से दिसंबर रहती है। साल 2023 में अभी तक सरकार ने महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी नहीं की है। मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार अगले सप्ताह महंगाई भत्ते में इजाफा करेगी। बताया जा रहा है कि यह महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। अभी तक डीए 38 प्रतिशत है जो 4 प्रतिशत बढ़ने से 42 प्रतिशत हो जाएगा।

बात यदि म.प्र., राजस्थान व छत्तीसगढ़ को लेकर करें तो यहां भी राज्य सरकारें केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता बढ़ाएगी यानी इसमें ज्यादा समय नहीं गंवाएगी। कहा तो यह जा रहा है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत केंद्र की घोषणा के बाद ही अपने यहां भी केंद्र के बराबर डीए देने की घोषणा कर देंगे। म.प्र. और छत्तीसगढ़ में जरूर यह घोषणा अप्रैल माह में होने की बात कही जा रही है। इन तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव नवंबर तक संभावित है यानी एक बार और सरकारी कर्मचारियों को डीए की बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा जो जुलाई के बाद कभी भी संभव है। साल में य​दि 4-4 प्रतिशत दो बार डीए बढ़ता है तो कम वेतन वाले कर्मचारी की सैलेरी भी 4000 रुपये से ज्यादा बढ़ेगी।

पुरानी पेंशन योजना नहीं देना शिवराज के लिए घातक हो सकता है

विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारों ने अपने यहां पुरानी पेंशन योजना (2005 से पहले की) लागू कर दी है लेकिन म.प्र. में शिवराजसिंह चौहान सरकार डावाडोल है। पिछले हफ्ते ही म.प्र. के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर स्पष्ट कर दिया कि इस तरह की सरकार की कोई स्कीम नहीं है जिससे विधानसभा में कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया था। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ यह कह चुके हैं कि राज्य में यदि उनकी सरकार आएगी तो वे राजस्थान-छग की तरह ही म.प्र. में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू करेंगे। यह देखने में आ रहा है कि वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों में 2005 के बाद के कर्मचारियों की संख्या इससे पहले के कर्मचारियों से ज्यादा हो गई है। ऐसे में पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। माना जा रहा है ये कर्मचारी अपने परिवार के सहयोग से किसी भी पार्टी का भविष्य तय करने में सक्षम बन सकते हैं। म.प्र. में इस बार विधानसभा के चुनाव फिर एक बार रोचक हो सकते हैं जिसमें कम मार्जिन से जीत-हार हो सकती है। ऐसे में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को हर कदम को फूंक-फूंककर रखना होगा। शिवराज सरकार यदि इसे नजरअंदाज करती है तो उसके लिए ये घातक भी हो सकता है।

You may have missed

ArabicChinese (Simplified)DutchEnglishFrenchGermanGujaratiHindiItalianMalayalamMarathiNepaliPortugueseRussianSpanishUkrainianUrdu

You cannot copy content of this page