दो बार डीए की फाइल लौट चुकी थी, राजस्थान के 4 प्रतिशत ने बढ़ाया म.प्र. पर दबाव तब बढ़ा महंगाई भत्ता, पेंशनर्स को छोड़ा

विहान हिंदुस्तान न्यूज

म.प्र. के सरकारी कर्मचारियों को आखिरकार 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) मिल ही गया। दो बार इस डीए की फाइल लौटाई जा चुकी थी लेकिन कल जब राजस्थान सरकार ने अपने कर्मचारियों को 4 प्रतिशत डीए देकर केंद्र सरकार के बराबर 50 प्रतिशत देने का फैसला किया तब म.प्र. सरकार को भी मजबूरन आगे बढ़ना पड़ा। हालांकि म.प्र. के कर्मचारी केंद्र सरकार व राजस्थान सरकार के कर्मचारियों से अभी भी डीए में 4 प्रतिशत पीछे ही हैं। राजस्थान सरकार ने पेंशनर्स को भी 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ दिया है लेकिन म.प्र. सरकार ने पेंशनर्स को छोड़ दिया है।

शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग ने मीडिया को संदेश भेजकर जब यह बताया कि कल (शनिवार) वह प्रेस कांफ्रेंस लेने जा रहा है तो प्रदेश सरकारें अपने बचे हुए काम निपटाने में जुट गई। आचार संहिता लगने के बाद वह ऐसे काम नहीं कर सकती जो किसी को लोभ देने वाला हो। म.प्र. के सरकारी कर्मचारियों का डीए केंद्र सरकार के बराबर करना म.प्र. सरकार की जिम्मेदारी थी लेकिन प्रदेश पर लगातार बढ़ते कर्ज ने हालत खस्ता कर रखी है। हर माह की 10 तारीख को लाड़ली बहनाओं को दी जाने वाली राशि सरकार पर बड़ा आर्थिक भार है। सरकार ने आज जब डीए बढ़ाने की घोषणा की तो कर्मचारियों में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं था क्योंकि यह 4 प्रतिशत डीए तो काफी पहले ही बढ़ जाना था। वैसे इस महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी का लाभ 1 मार्च 2024 से किया जाएगा। वैसे यह लागू 1 जुलाई 2023 से होना है जिससे आठ महीने का एरियर कर्मचारियों को दिया जाएगा। एरियर की राशि का भुगतान तीन समान किश्तों में जुलाई, अगस्त व सितंबर 2024 में किया जाएगा। इस एरियर की राशि सेवानिवृत्त कर्मचारियों व मृत हो चुके कर्मचारियों को भी मिलेगी। हालांकि 4 प्रतिशत डीए का लाभ सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है। म.प्र. सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी संघ के मीडिया सचिव शिवाकांत वाजपेयी ने विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को बताया कि एक बार फिर सीनियर सिटीजन कर्मचारियों के साथ डॉ. मोहन यादव सरकार ने अन्याय किया जिससे सभी सेवानिवृत्त कर्मचारी दुखी हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संख्या प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा है। इससे यह साबित हो रहा है कि सरकार को हमारी कोई परवाह नहीं है।

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