आदिवासी पीडि़त दशमत की दरियादिली से असमंजस में म.प्र. सरकार, मांग की कि प्रवेश शुक्ला को रिहा कर दो

विहान हिंदुस्तान न्यूज

सीधी में हुए पेशाब कांड के पीडि़त दशमत रावत के परिवार की दरियादिली पूरा देश देख रहा है। म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से दशमत ने अब मांग की है कि उनपर पेशाब करने वाले प्रवेश शुक्ला को रिहा कर दिया जाए। दशमत की इस मांग से सरकार सकते में आ गई है क्योंकि मामला न्यायालय में पहुंच चुका है। इससे पहले सीएम शिवराजसिंह चौहान ने दशमत की पत्नी से फोन पर बात करते हुए बैंक खाते में पैसे डलवाने की बात कही थी तो उनकी पत्नी ने पैसे का लालच नहीं होने की बात कही थी, कहा था मेरा पति वापस भेज दो।

शनिवार को दशमत ने कहा इस कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला को अब रिहा कर दिया जाना चाहिए। दशमत ने कहा प्रवेश मेरे गांव का है और उसने अपनी गलती महसूस कर ली है। मेरी सरकार से मांग है कि उसे अब रिहा कर देना चाहिए। आपको बता दें प्रवेश के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने उसके घर पर बुलडोजर चलाया है। फिलहाल प्रवेश को रीवा जेल में रखा गया है। बात यह भी आ रही है कि दशमत के प्रवेश को रिहा करने के बयान के पीछे सामाजिक दबाव भी संभव है। प्रशासन ने प्रवेश का मकान भी तोड़ दिया है जिसके बाद ब्राह्मण समाज ने सरकार के प्रति नाराजगी जताई है।

सीएम ने पैर धोए, भोजन साथ कराया, पौधा भी लगवाया

पेशाब कांड के बाद सीएम शिवराजसिंह चौहान ने दशमत को सीएम हाउस बुलवाया और उनके पैर धोकर पानी माथे से लगाया। इसके बाद साथ में भोजन कराया। सीएम हाउस से वापस सीधी भेजने से पहले सीएम ने दशमत से एक पौधा भी लगवाया। इसके बाकायदा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल किए गए। हालांकि दशमत का कहना है वे अब पेशाबकांड की सारी बाते भूलकर अपना सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। उधर, कुछ राजनीतिक पार्टियां दशमत को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने को भी आतुर दिख रही है। आदिवासियों के हक की बात करने वाली राजनीतिक पार्टी मालवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र राव ने कहा है हम दशमत से संपर्क में है ताकि उन्हें अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतार सके। विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा आदिवासी विधायक होंगे तो आदिवासियों के हक में ज्यादा काम होंगे।

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