दो बंगले जोड़कर बना दिया एक, नेम प्लेट लगी है शिवराजसिंह चौहान की…क्या है मतलब!
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
भोपाल के 74 बंगले इलाके में एक बंगला है जिसपर शिवराजसिंह चौहान, मुख्यमंत्री नाम की प्लेट लगी हुई थी। यह मुख्यमंत्री आवास नहीं है। मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास श्यामला हिल्स पर है। ..लेकिन मतदान के बाद 74 बंगले इलाके स्थित शिवराज का बंगला व उसके समीप वाला एक विधायक बंगला हरे रंग के कपड़े से ढंक दिया गया था। 4 दिसंबर को यानी नतीजे के अगले दिन जब इस कपड़े को हटाया गया तो दोनों बंगले एक कर दिए गए थे। अब इस बंगले से क्या शिवराज के नाम की नेम प्लेट हटेगी या फिर वे इसी में आकर रहेंगे यह अगले हफ्ते तय हो सकता है।
दो बंगलों को जोड़कर एक करने और उस बंगले पर शिवराजसिंह चौहान की नेम प्लेट लगी रहने का मतलब क्या है? चूंकि दोनों ही बंगलों में काफी काम किया गया जिससे इसकी रंगत पहले की अपेक्षा काफी बदल गई है। यह बंगला अब राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है और इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। कयास इसलिए भी लग रहे हैं क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए शिवराजसिंह चौहान के अलावा प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह जैसे कई नाम आने लगे हैं। खास बात तो यह है कि उमा भारती के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद दिल्ली से भोपाल पर्यवेक्षक पहुंचे थे (जब बाबूलाल गौर को सीएम बनाया था) लेकिन उसके बाद कभी पर्यवेक्षकों की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि पार्टी ने शिवराजसिंह चौहान का नाम बिना किसी देर किए तय कर दिया था। आज इतने साल बाद दिल्ली से पर्यवेक्षक दिल्ली पहुंचे इसलिए सीएम के पद पर नए चेहरे को लेकर गर्माहट ज्यादा है। शिवराज भी बार-बार यही कह रहे हैं कि पार्टी जो काम देगी वह करूंगा। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि शिवराजसिंह चौहान का इस तरह बोलना उनकी आगे की रणनीति का हिस्सा है। शिवराज ने भी अपने स्तर पर लाबिंग की है और उन्हें विश्वास है गेंद उनके पाले में आकर ही गिरेगी।
दो डिप्टी सीएम को लेकर भी मशक्कत चल रही है
भाजपा ने चुनाव नतीजे आने के छह दिन बाद भी सीएम घोषित नहीं किया इसे लेकर भी चर्चा तेज है। इसके पीछे कारण सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम बनाया जाना भी एक वजह है। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर म.प्र. में भी दो डिप्टी सीएम होंगे। अब बात यह आ रही है कि पिछड़े वर्ग का सीएम होता है तो डिप्टी सीएम एक सवर्ण वर्ग का व एक एससी या एसटी वर्ग का हो। माना जा रहा है पिछड़े वर्ग से ही सीएम होगा। सवर्ण वर्ग में जहां नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह के नाम चल रहे हैं तो डिप्टी सीएम पद के लिए तुलसी सिलावट, निर्मला भूरिया, जगदीश देवड़ा, ओमप्रकाश धुर्वे के नाम है। बात यह आ रही है यदि सीएम पद के लिए शिवराजसिंह चौहान को तय कर दिया जाता है तो प्रह्लाद पटेल का क्या होगा? ऐसे में कहा जा रहा है कि प्रह्लाद पटेल को विधानसभा अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। यदि प्रह्लाद पटेल को सीएम बनाया जाता है तो फिर कैलाश विजयवर्गीय को विधानसभा अध्यक्ष का पद सौंपा जाएगा। ऐसे में शिवराजसिंह चौहान का क्या होगा तो बात आ रही है कि उन्हें फिलहाल कुछ प्रदेशों का प्रभार देकर लोकसभा चुनाव की तैयारी में जोड़ा जाएगा। लोकसभा चुनाव के बाद शिवराज को जे.पी. नड्डा के स्थान पर राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।