फारूक व मेहबूबा बोले – शरीयत से चले अफगानिस्तान, लोगों ने कहा वहां शरीयत यहां सेक्युलर कानून चाहिए


विहान हिंदुस्तान न्यूज


कश्मीर के नेता फारूक अब्दुल्ला और मेहबूबा मुफ्ती ने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को लेकर कुछ एक सी राय रखी है। इनका कहना है तालिबान अच्छा काम करेगा और शरीयत के हिसाब से चलेगा। इनके बयान बाहर आने पर लोगों ने इन्हें सोशल मीडिया पर जवाब दिया। लोगों का कहना था वहां शरीयत के हिसाब से कानून की बात की जाती है और यहां सेक्युलर कानून चाहिए।


नेशनल कांफ्रेंस के चेयरमैन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने एक बयान जारी किया है जिसमें अफगानिस्तान में बनी तालिबान की नई सरकार से उम्मीद जताई है कि तालिबान अफगानिस्तान में अच्छा शासन देगा। अपेक्षा है कि इस्लामिक सिद्धांतों को मानते हुए नई सरकार मानवाधिकारों की रक्षा करेगी। अब्दुल्ला बोले तालिबान ने नियंत्रण कर लिया है और अब उन्हें देश की देखभाल करनी है। मुझे उम्मीद है कि वे सभी न्याय करेंगे। उन्हें सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों पर जोर देना चाहिए। उधर, कुलगाम में मेहबूबा ने कहा तालिबान हकीकत बनकर सामने आ रहा है। वो अगर अपनी छवि बदलता है तो दुनिया के लिए मिसाल बन सकता है। उधर, फारुक के इस बयान के बाद फारुक व मेहबूबा पर लोगों की नाराजगी फूट पड़ी। एक यूजर ने फारुक को लिखा यह दोगलेपन की इंतहा है। भारत में सेक्युलर शासन रहे लेकिन अफगानिस्तान में मुस्लिम नियम से शासन रहे? कहां से लाते हो ऐसा तर्क? सबसे बड़ा देश के लिए खतरा तुम हो। कुछ ने कहा अब्दुल्ला गलत उम्मीद लगा रहे हैं। अन्य लोगों ने भी इन दोनों के खिलाफ बयान दिए हैं। लोगों का कहना है यदि तालिबान इतना पसंद आ रहा है तो अफगानिस्तान में जाकर ही क्यों नहीं ये नेता बस जाते हैं। कश्मीर में तो बहुसंख्यक मुस्लिम है जिससे वहां भारत सरकार से मांग करके शरीया कानून लागू करवा लें। धारा- 370 थी तब भी शरीया कानून लागू किया जा सकता था।

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