लाभ-हानि से जुड़ा है गाइड लाइन बढ़ाना, चुनाव आयोग से अनुमति ले समिति अन्यथा न्यायालय जाएंगे –कांग्रेस

विहान हिंदुस्तान न्यूज

म.प्र. में 1 अप्रैल 2024 से अचल सं​पत्तियों के लिए बढ़ाई जाने वाली कलेक्टर गाइड लाइन पर पेंच फंस गया है। पेंच फंसने का कारण चुनाव आचार संहिता है जो आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लगाई गई है। गाइड लाइन बढ़ाने को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस का कहना है केंद्रीय ​मूल्यांकन समिति ने समिति ही नहीं बनाई तो गाइड लाइन किस आधार पर बढ़ाई जा रही है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व अभिभाषक प्रमोद कुमार द्विवेदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब चुनाव आचार संहिता लग गई है तो गाइड लाइन बढ़ाना या नया कोई टैक्स लगाना अथवा हटाना नियम विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि इंदौर जिला प्रदेश का सबसे बड़ा रेवेन्यू देने वाला जिला है। यहां उप जिला मूल्यांकन समिति की बैठक ही नहीं हुई क्योंकि सारे उप पंजीयक तो अवकाश के दिन भी रजिस्ट्री करने में सक्रिय रहे तो फिर बैठक कब हुई? बैठक हुई है तो उसकी जानकारी दी जाना चाहिए। श्री द्विवेदी ने कहा कि ​इसके बाद जिला मूल्यांकन समिति की बैठक होती है और विधायक उसमें जनता का पक्ष रखने के लिए बैठते हैं। इस बार जिला मूल्यांकन समिति की बैठक ही नहीं हुई तो फिर जनता का पक्ष कौन रखेगा? जब समिति ही नहीं बनी तो फिर रिपोर्ट कैसे तय की गई। बात यदि केंद्रीय मूल्यांकन समिति की करें तो किसी अधिवक्ता को भी इसमें शामिल किया जाता है लेकिन यहां तो ऐसा हुआ ही नहीं? यहां भी समिति अधूरी रही है तो फिर गाइड लाइन कैसे बनी यही तय नहीं हो रहा।

श्री द्विवेदी ने कहा कि हम यदि इंदौर जिले को ही देखें तो यहां नए बायपास बनने के कारण हातोद सहित कुछ गांवों में रजिस्ट्री रोक दी गई थी। खेत में किसानों की फसले खड़ी है, ऐसे में वहां रजिस्ट्री हो नहीं सकती है। प्रशासन यहां जमीन अधिगृहित करेगा जिससे उक्त क्षेत्र में गाइड लाइन बढ़ाई नहीं जा रही है। किसी कॉलोनी का विक्रेता अपने क्षेत्र में गाइड लाइन बढ़ाने को लेकर आग्रह करता है तो वहां बढ़ा दी जाती है यानि जहां जमीन अधिगृहित करना है वहां गाइड लाइन नहीं बढ़ी और जहां किसी को फायदा हो रहा है वहां गाइड लाइन बढ़ा दी गई। यह तो अन्याय है। यदि केंद्रीय मूल्यांकन समिति ने बिना चुनाव आयोग के कलेक्टर गाइड लाइन बढ़ा दी तो मैं न्यायालय का रूख करूंगा।

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