हिमाचल प्रदेश में सरकार बचाने के लिए कांग्रेस का प्रयास तेज, भाजपा के लिए सरकार बनाना भी चुनौती
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विहान हिंदुस्तान न्यूज
हिमाचल प्रदेश में कल राज्यसभा में कांग्रेस के 6 विधायकों द्वारा क्रास वोटिंग के बाद आज सरकार बचाने की जद्दोजहद वहां चल रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कांग्रेस आलाकमान से कर दी है हालांकि अभी उनके इस्तीफे पर अभी फैसला नहीं किया गया है। सुक्खू ने इस इस्तीफे के पेशकश की बात का खंडन भी किया है। कांग्रेस के मंत्री विक्रम सिंह ने जरूर मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है। उधर, सदन से भाजपा के 15 विधायकों को निष्कासित कर दिया गया है जिसपर वहां हंगामा अलग चल रहा है।
कल कांग्रेस के 6 विधायकों के साथ 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा के हर्ष महाजन को वोट करके उन्हें राज्यसभा की दौड़ में ला दिया था बचा हुआ काम भाग्य ने कर दिया यानी सिक्के की उछाल भाजपा के पक्ष में गिरी। असल में राज्यसभा के लिए 35 वोट जीत का आंकड़ा था और कांग्रेस व भाजपा दोनों को 35-35 वोट मिले जिससे टास से फैसला हुआ। कांग्रेस का आरोप है कि उसके 6 विधायकों को हरियाणा पुलिस साथ ले गई थी। आज सुबह जब विधानसभा शुरू हुई तो भाजपा के नेता जयराम ठाकुर सहित 15 विधायकों को निष्कासित कर दिया गया जिसके विरोध में भाजपा का प्रदर्शन शुरू हो गया। बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन इस बात को लेकर चल रहा है कि हरियाणा पुलिस उनके 6 विधायकों को हिमाचल प्रदेश से बाहर कैसे ले गई। कांग्रेस की तरफ से हिमाचल प्रदेश के पूरे मामले को प्रियंका गांधी वाड्रा देख रही हैं जिन्होंने तत्काल दो पर्यवेक्षकों को दिल्ली भेज दिया है। सीएम सुखविंदर सुक्खू का दावा है कि उनकी सरकार पांच साल चलेगी। भाजपा के कुछ विधायक भी उनके साथ हैं।
बहुमत के लिए 35 चाहिए, भाजपा के लिए भी आसान नहीं
यदि हिमाचल प्रदेश विधानसभा को देखें तो यहां 68 सीट है जिसमें बहुमत का आंकड़ा 35 है। कांग्रेस के 40 विधायक हैं जबकि 25 भाजपा के हैं। 3 विधायक निर्दलीय हैं। यदि राज्यसभा में क्रास वोटिंग के बाद बने समीकरण को भी देखें तो आंकड़ा फंसा हुआ लगता है। भाजपा के 25 विधायक हैं और 3 निर्दलीय आ भी जाते हैं तो आंकड़ा 28 तक पहुंचेगा। कांग्रेस के 6 विधायक इस्तीफा देते भी हैं तो उससे तत्काल भाजपा को फायदा नहीं होगा क्योंकि सदन में ज्यादा विधायक कांग्रेस के पास ही है। यदि कांग्रेस इन 6 विधायकों को खुद निकाल दे तब जरूर भाजपा के लिए कोई स्थान बन सकता है लेकिन ऐसा संभव नहीं है। देखना यह भी होगा कि भाजपा का अगला कदम क्या होगा और वह अपने तरकश से कौन से बांण निकालती है।