बाबा की दवाई बने हकीम पर बरस पड़े टी.एस. सिंहदेव के समर्थक

अब्दुल मजीद (हकीम)

विहान हिंदुस्तान न्यूज

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उप-मुख्यमंत्री रहे टी.एस. सिंहदेव की दवा जिस हकीम के पास थी उस हकीम पर नतीजे के बाद कांग्रेसी बरस पड़े। असल में हकीम के नाम से अब्दुल मजीद काफी ख्यात हैं जो पहले कांग्रेस के ही कार्यकर्ता थे और सिंहदेव के करीबी थे। टी.एस. सिंहदेव को प्यार से बाबा के नाम से भी संबोधित किया जाता है।

आपको यह जानकर हैरानी हो रही होगी कि ऐसा क्या हुआ कि सिंहदेव के समर्थकों ने हकीम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। असल में टी.एस. सिंहदेव अंबिकापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे जिन्हें भाजपा के राजेश अग्रवाल के खिलाफ मात्र 94 वोट से हार का सामना करना पड़ा। बात यह आती है कि इस पूरे मामले में हकीम की क्या भूमिका थी? असल में हकीम ने चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ज्वाइन कर ली थी और अंबिकापुर सीट से ही उम्मीदवार बन गए। सिंहदेव ने हकीम को काफी समझाया ताकि वे कांग्रेस में ही रहे लेकिन हकीम नहीं माने। जब मतगणना का दौर चल रहा था तब भाजपा के उम्मीदवार राजेश अग्रवाल सिंहदेव से पीछे ही चल रहे थे। एक समय तो राजेश अग्रवाल भी गिनती में पिछड़ने पर पस्त होते दिख रहे थे तब हकीम उनके पास पहुंचे और कहा सिंहदेव की दवाई मेरे पास है आप चिंता न करें। जब नतीजे आए तो सिंहदेव को 94 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। हकीम को मुस्लिमों के काफी वोट मिले जो कांग्रेस में जाने की पूरी संभावना थी। उन्हें कुल 1193 वोट मिले जो सिंहदेव के माने जा रहे थे। जब चुनाव परिणाम सामने आया तो सिंहदेव के समर्थक खासे नाराज हो गए। आरोप तो यह भी लग रहे हैं कि सिंहदेव समर्थकों ने हकीम की जमकर पिटाई भी कर दी थी।

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