हमास को खत्म करने में कोई इस्लामिक देश बाधक न बने इसलिए अमेरिका इजरायल के साथ खुलकर मैदान में उतरा

विहान हिंदुस्तान न्यूज

अमेरिका ने अपने दोस्त इजराय​ल का खुलकर समर्थन करते हुए अपनी एयरफोर्स व समुद्री सेना को इजरायल के पास भेज दिया है। आतंकी संगठन हमास के हमले में इजरायल व अन्य देशों के कई लोग मारे गए जिसमें 4 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। इजरायल ने हमास के साथ लेबनान पर भी हमला किया और युद्ध घोषित कर दिया। उम्मीद व्यक्त की जा रही थी कि ईरान व लेबनान सहित कुछ देश हमास के साथ खुलकर इजरायल पर हमला कर सकते हैं जिसे देखकर अमेरिका ने अपनी सेना को इजरायल भेज दिया है। अमेरिका के ऐसा करने से अब हमास के अकेले पड़ने की संभावना है।

आपको बता दें दो दिन पहले फिलिस्तीन को पूर्ण देश का दर्जा दिलाने के प्रयास करने वाले हमास ने इजरायल पर 5000 से ज्यादा मिसाइलें छोड़़ी व उसके लड़ाके बिजली के करंट वाले तारों को उखाड़कर इजरायल की सीमा में घुस गए। यहां उन्होंने जमकर लोगों को मौत के घाट उतारा व महिला के साथ बुरा बर्ताव किया। हमास सुन्नी मुसलमानों का संगठन है जिसे शिया बहुल ईरान व लेबनान का खुला समर्थन है। ईरान समर्थित हिजबुल्लाह आंदोलन ने हमास के साथ मिलकर इजरायल पर हमला किया जिसे कुचलने के लिए इजरायली सेना ने लेबनान के उस क्षेत्र में जमकर हमला किया जहां से यह संगठन अटैक कर रहा था। हालांकि सुन्नी बहुल देश जिसमें तुर्किये, सऊदी अरब, यूएई जैसे बड़े देशों की चुप्पी ने इस्लामिक देशों की दो फाड़ को जगजाहिर कर दिया है। पाकिस्तान ने इजरायल के खिलाफ बोला जरूर लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वह खुलकर साथ दे दें। इस्लामी देश इकट्ठा न हो इसलिए अमेरिका ने सीधे ही इजरायल के साथ उतरने की रणनीति बनाई ताकि हमास को अब पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए। इजरायल यहूदियों का देश है और उसके लड़ाके एक साथ छह-छह मुस्लिम देशों के साथ लड़कर भी जीता है। इजरायल वह देश है जिसे जमीन कम मिली थी लेकिन युद्ध करके उसने कई हजार किलोमीटर जमीन अपने कब्जे में ले ली। पिछले दिनों इजरायल और सऊदी अरब-यूएई के मजबूत संबंधों के कारण भी मुस्लिम देशों में दो फाड़ हो गए हैं। यदि मुस्लिम देश इस जंग के मैदान में उतरे तो निश्चित ही ईसाई देश जिसमें ब्रिटेन, फ्रांस व अन्य देश शामिल है वे इजरायल के साथ खड़े होंगे। वैसे भी इजरायल नाटों में शामिल है जिससे उसपर होने वाले हमले में मित्र देशों को साथ देना ही होगा। अब तक के समीकरण देखकर यह माना जा रहा है कि हमास का खात्मा तय है और यदि कोई देश हमास के साथ उतरता है तो मित्र सेनाएं उसपर भी हमला करेगी।

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