भारत में हिंदुओं को भी मिल सकता है अल्पसंख्यक का दर्जा, मिलेगी कई सुविधाएं

विहान हिंदुस्तान न्यूज
भारत में हिंदू बहुसंख्यक की श्रेणी में आते हैं लेकिन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया है जिससे हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जा सकता है। इसमें उन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जा सकता है जहां हिंदुओं की आबादी कम है। इससे इन राज्यों में हिंदुओं को शैक्षणिक संस्थान खोलने, छात्रवृत्ति लेने से लेकर कई अन्य फायदे हो सकते हैं। कश्मीर, पंजाब, मिजोरम, लद्दाख, लक्ष्यदीप, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर ऐसे राज्य हैं जहां हिंदुओं की आबादी कम है।
एक याचिका को लेकर केंद्र ने यह हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि राज्य सरकार चाहे तो अपने यहां हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकती है। अल्पसंख्यक का दर्जा मिलने के बाद राज्यों में हिंदुओं को वह सारे कानूनी अधिकार मिल जाएंगे जो अल्पसंख्यकों को मिलते हैं। असल में भाजपा नेता व वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 2004 के धारा 2(F) की वैधता को चुनौती दी है। यह धारा अल्पसंख्यकों को पहचान व दर्जा देने के अधिकार देता है। केंद्र सरकार ने 1993 में मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी और बौद्ध को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया था। 2014 में जैन धर्म के लोगों को भी अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया। विशेष बात तो यह है कि भारत में अल्पसंख्यकों को लेकर कोई परिभाषा ही नहीं है। अपने हलफनामे में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के 1957 के एक फैसले का जिक्र करते हुए बताया है कि राज्य में अगर किसी धर्म या भाषा के आधार पर लोगों की आबादी 50 प्रतिशत से कम है तो उसे अल्पसंख्यक माना जाएगा। 2002 में टीएम पाई मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने यही बात दोहराई थी।
विवाद – ..तो क्या यहां के बहुसंख्यकों के अधिकार बंद हो जाएंगे
बात यह उठेगी कि कश्मीर, पंजाब, नागालैंड आदि राज्यों में यदि हिंदू अल्पसंख्यकों की श्रेणी में आते हैं तो राज्य के हिसाब से यहां के बहुसंख्यकों को मिलने वाले अल्पसंख्यकों के अधिकार बंद हो जाएंगे। कश्मीर में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, पंजाब में सिख और नागालैंड में ईसाई तो क्या इन्हें अपने यहां बदलाव करना होगा..। यदि ऐसा नहीं होता है तो पूरा राज्य ही अल्पसंख्यकों के अधिकार लेगा, बहुसंख्यक देश के हिसाब से अल्पसंख्यकों की श्रेणी में आएंगे तो हिंदू राज्य के हिसाब से अल्पसंख्यक हो जाएंगे।

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