इंदौर के लिए जरूरी सड़कों पर प्राधिकरण ने दिया ध्यान, तीन बड़ी सड़के प्रापर्टी के मूल्य भी बढ़ा देगी

IDA

विहान हिंदुस्तान न्यूज

इंदौर विकास प्राधिकरण का पुराना स्वरूप अब वापस देखने को मिल रहा है। मधु वर्मा के कार्यकाल में जिस तरह सड़कों व कॉलोनियों के विकास पर ध्यान दिया जाता था वह कुछ समय के लिए बंद सा हो गया था। आज इंदौर विकास प्राधिकरण के संचालक मंडल की बैठक अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा की अध्यक्षता में हुई जिसमें शहर की तीन प्रमुख सड़कों के अटके प्रोजेक्ट्स को पुन: शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी गई। इन सड़कों के बनने से क्षेत्र में प्रापर्टी के मूल्यों की भी बढ़ोतरी होना है। इसमें आने वाले खर्च की राशि की स्वीकृति पर मुहर लगने से यह तय हो गया कि जल्दी ही इंदौर वासियों को शहर में कुछ नई सुविधाएं मिलेगी।

संचालक मंडल की आज हुई बैठक में खडे़ गणपति से योजना क्रमांक 155 होते हुए टिगरिया बादशाह तक सड़क निर्माण हेतु पुनरीक्षित मांग (राशि रूपये 55,47,30,980) को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई। यह सड़क लंबे समय से कागजों से उतरकर मैदान पर आना चाह रही थी लेकिन कोई न कोई बाधा आ रही थी। इसी तरह एम.आर.-4 भंडारी पुल के नीचे से बाणगंगा रेल्वे क्रासिंग तक सड़क का चौड़ीकरण करने के लिए भी (पुनरीक्षित मांग 35,92,84,532/- कुल राशि रूपये 91,40,15,512)  सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। यह सड़क 2016 के सिहस्थ के समय से लंबित है जिसका काम आधा-अधूरा ही हुआ था। इसके अलावा मंडल ने एम.आर.-4 से आय.एस.बी.टी. को जोडने वाली आर.डब्ल्यू.-1 के निर्माण के लिए भी और राशि स्वीकृत की है। पूर्व में स्वीकृत राशि 13.62 करोड़ रु. के विरूद्ध 22.68 करोड़ रु. की स्वीकृति प्रदान की गई।  बैठक में इंदौर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राकेश ’’गोलू’’ शुक्ला, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, लोक निर्माण विभाग इंदौर के मुख्य अभियंता सी.एस. खरत, म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कंपनी के निर्देशक पुनीत दुबे, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के संयुक्त संचालक एस.के. मुद्गल, पीएचई विभाग के अधीक्षण यंत्री अजय श्रीवास्तव, एवं इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन यंत्री आर.पी. अहिरवार भी उपस्थित थे।

कुछ अन्य बिंदुओं पर भी प्राधिकरण मंडल ने स्वीकृति दी

– शहर एवं उसके आस-पास सी.एम. राईज स्कूलों के निर्माण का जिम्मा प्राधिकारी को सौपा गया है जिसके अंतर्गत नंदानगर एवं पालकांकरिया में निर्माण हेतु प्राप्त निविदाओं पर विचार करते हुए संचालक मंडल द्वारा नंदानगर स्कूल के लिए प्राप्त निविदा (राशि रूपये 27,01,72,000/-) पालकांकरिया स्कूल हेतु प्राप्त निविदा (राशि रूपये 24,48,98,169/-) एवं मूसाखेडी स्कूल के लिए प्राप्त निविदा (राशि रूपये 17,63,00,000/-) की न्यूनतम निविदादाता की निविदाएं स्वीकृत की गई। इस प्रकार कुल राशि रूपये 69.15 करोड़ की निविदा स्वीकृत की गई।  

– एक अन्य निर्णय में लवकुश चौराहे पर बनाये जा रहे लेवल-2 फ्लाय ओवर के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेन्सी सर्विसेस के लिए प्राप्त निविदा (प्रोजेक्ट कास्ट राशि रूपये 139 करोड़) हेतु न्यूनतम निविदादाता की निविदा स्वीकृत की गई।

– इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 94 सेक्टर-एफ में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के लिए 3.84 एकड़ भूमि का भूखण्ड नियोजित है। संचालक मंडल द्वारा इस हेतु स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स एवं अन्य अनुशांगिक सुविधाओं के लिए 50.50 करोड़ रु. की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पूल के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के लिए प्रायवेट एजेन्सी की नियुक्ति आवश्यक शर्तो के साथ की जाए। इसका अनुमोदन भी किया गया। 

– संचालक मंडल द्वारा ग्राम बिचौली हप्सी, टिगरियाराव एवं कनाडिया की 261.178 हेक्टेयर भूमि पर टी.पी.एस.-09 योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रथम स्तरीय प्राक्कलन के आधार योजना के विकास हेतु 916.11 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही ग्राम बडा बांगडदा पालाखेडी, टिगरिया बादाशाह, लिम्बोदागारी की 220.871 हेक्टेयर भूमि पर टी.पी.एस.-10 योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रथम स्तरीय प्राक्कलन के आधार योजना के विकास हेतु 793.73 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। 

-एक अन्य निर्णय में प्राधिकारी की योजना क्रमांक 140 में आवासीय उपयोग के 192 भूखण्डों को भू-स्वामी अधिकार में व्ययन हेतु निविदा के संबंध में निर्णय लिया गया कि पुर्नपरीक्षण कर विधिक अभिमत प्राप्त किया जावे। 

– संचालक मंडल द्वारा प्राधिकारी द्वारा वर्ष 2023-24 में 4 नई नगर विकास योजनाओं के नियोजन किया जाना प्रस्तावित है। अतः नई 4 विकास योजना बनाये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।

-पर्यावरण एवं विकास में समन्वय के उद्देश्य से एक ग्रीन रिंग कॉरिडोर क्लस्टर योजना जिससे शहर के बाहर कार्य क्षेत्र हेतु भूमि उपलब्ध हो एवं शहर के अंदर वाहनों का दबाव कम हो जिससे ट्रेफिक जाम की समस्या में कमी आए। अतः संचालक मंडल द्वारा प्रस्तावित ग्रीन रिंग कॉरिडोर को नवीन मास्टर प्लान में सम्मिलित किये जाने हेतु प्रस्ताव आयुक्त सह संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को भेजे जाने का निर्णय लिया गया। यह कॉरिडोर लगभग 65 किलोमीटर का होकर इसमें 30 गांवों की लगभग 3300 हेक्टेयर भूमि सम्मिलित होगी। 

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