पुलिस की गोली से बेटा मरा, आतंकवादियों की गोली से पुलिसकर्मी पति…बेहाल महिला का दर्द

शकीला अख्तर

मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज

पिछले दो सालों में कश्मीर के लोन परिवार को दो बड़े झटके लगे हैं। बीते मंगलवार को श्रीनगर के लाल बाजार में जम्मू-कश्मीर पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मुश्ताक अहमद लोन को आतंकवादियों ने मार दिया। करीब दो साल पहले पुलिस ने मुश्ताक अहमद के बेटे आकिब का एनकाउंटर किया था, उसे आतंकवादी बताया गया था।

लोन परिवार कश्मीर के कुलगाम के सुचगांव में निवास करता है। यह अजीब इत्तेफाक है कि पिता-पुत्र की गोली लगने से मौत हुई, पिता को शहीद का दर्जा मिला जबकि पुत्र आतंकी के रूप में कागजों में दर्ज हुआ। आकिब की मां और मुश्ताक अहमद की पत्नी शकीला अख्तर का बुरा हाल है। बेटे की मौत के सदमे से वह उबरी भी नहीं थी कि पति की मौत ने उन्हें तोड़कर रख दिया। उनके सिर पर गुस्सा तो इतना चढ़ा है कि वह जुबान से बार-बार फूटता है। शकीला अख्तर कहती हैं मैं कयामत के दिन आप लोगों से हिसाब करूंगी। बेटे आकिब को खोने पर वे बताती है कि मेरा बेटा कटिंग कराने गया था। एकाएक वह गायब हो गया और अगले दिन पुलिस कंट्रोल रूम से फोन आया आपके बेटे का चेहरा देखने आ जाओ। हमें बताया गया कि आकिब ने कुछ आतंकवादियों के साथ मिलकर पुलिस पर गोली चलाई थी। आक्रोशित मां का कहना है एक ही दिन में मेरा बेटा आतंकवादी बन गया और मुझे पता भी नहीं चला। बात यहीं नहीं खत्म हुई, मेरे बेटे को बारामूला में दफनाया जिसमें सिर्फ परिवार के लोग ही शरीक हुए। वहां भी बेटे का अंतिम बार चेहरा देखने बुलाया गया। अपने पति 55 वर्षीय असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मुश्ताक अहमद लोन को लेकर वे कहती हैं उन्होंने ईद हमारे साथ ही मनाई थी। ईद के तीन दिन बाद शाम के समय एक नाके पर ड्यूटी थी जहां आतंकवादियों ने फायरिंग की। उनकी मौत से कुछ पहले ही मेरी उनसे फोन पर बात हुई थी। उन्होंने घर की खैर-खबर ली। कुछ देर बाद फेसबुक से पता चला पति की मौत हो गई है।

भाई बोला – गोलियां तो यहां लोगों को मारने आई है…

आकिब के बड़े भाई आसिफ मुश्ताक लोन पर परिवार की पूरी जिम्मेदारी आ गई है। मां के साथ दो बहनों का भी ध्यान रखना है। आकिब व आसिफ दोनों भाईयों ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। आसिफ का कहना है ये सब कुछ कश्मीर में होता रहेगा। गोलियों से लोग मारे जाएंगे। ये गोलियां यहां लोगों को मारने के लिए ही आई हैं चाहे आतंकवादी की गोली हो या सुरक्षाबलों की। उधर, गांव के लोगों का कहना है असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर मुश्ताक अहमद लोन की मौत पर पूरे गांव में मातम है। उनके जनाजे में गांव के काफी लोग शामिल हुए।

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