पापा मेरे ही सामने मम्मी को चाकू मार रहे थे, मां चिल्लाएं जा रही थी – जिया वर्मा
विहान हिंदुस्तान न्यूज
इंदौर में कल एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर चाकू से इतने वार किए कि उसकी मौत हो गई। घटना के समय इन दोनों पति-पत्नी की दो बेटियां घटनास्थल पर मौजूद थी जिसमें से बड़ी बेटी जिया वर्मा (13) ने पूरा घटनाक्रम देखा जो अहम गवाह भी हैं। यह घटना लसूडि़या क्षेत्र में फागुन होटल के समीप नर्सरी में हुई जहां यह परिवार एक कमरे में रहता है। मृतक दीपा वर्मा है जबकि आरोपी उसके पति शैलेंद्र वर्मा हैं जो फागुन होटल में कर्मचारी है। हत्या के बाद आरोपी शैलेंद्र खुद पुलिस थाने पहुंचा और वहां सरेंडर कर दिया। आपको यह भी बता दे कि शैलेंद्र ने करीब 15 दिन पहले खुद ही अपनी जान लेना चाही थी। उसने जहर खा लिया था लेकिन एक निजी अस्पताल में इलाज के बाद उसकी जान बच गई। शैलेंद्र ने पत्नी को मारने की कोई ठोस वजह नहीं बताई लेकिन यह बात आ रही है कि वह अपने कार्यस्थल पर ही कहीं परेशान था। यह परेशानी क्या थी और किससे थी इस बारे में संभवत: पुलिस पूछताछ में ही सामने आ सकता है। विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम ने दीपा-शैलेंद्र की बड़ी बेटी जिया से जो बात की वह आपके समक्ष है।
मैं (जिया) और मम्मी रात 11 बजे बात कर रहे थे। इतने में पापा का फोन आया। उन्होंने मम्मी को कहा मैं आ रहा हूं। मम्मी ने मुझसे कहा जाकर दरवाजा खोल दे। जब पापा आए तो उन्होंने मम्मी को बाहर ही बुलवाया। हमारा एक कमरे का ही मकान है जिसमें हम सभी रहते हैं। मम्मी बाहर गई तो दोनों में बहस होने लगी। इस दौरान मुझे नींद लग गई। फिर एकाएक मेरी नींद तब खुली जब मम्मी चिल्ला रही थी। मम्मी और पापा दोनों ही कमरे में थे और पापा मम्मी पर चाकू से हमला कर रहे थे। मैं चिल्लाई कि पापा मम्मी को छोड़ दो लेकिन वे नहीं माने। हमारे घर से आवाज सुनकर पास में रहने वाली दीदी मुस्कान भी वहां आ गई जिन्होंने पापा से चाकू छुड़ाने की कोशिश की। उन्हें भी चोट आ गई। जब मम्मी जमीन पर गिर गई और खून से पूरा कमरा सन गया तब पापा वहां से चले गए। मैं और मेरी बहन दिशा वर्मा (6) रो रहे थे। मुस्कान दीदी ने हमें सहारा दिया और नानी को फोन लगाने को कहा। मैंने नानी को फोन लगाया तब मम्मी ने भी बात कही और कहा मां मुझे बचा लो। बाद में फिर मुस्कान दीदी ने उन्हें सारी बाते बताई। कुछ ही देर में नानी और मामा आ गए। वे मम्मी को टू-व्हीलर पर बैठाकर अस्पताल ले गए। कुछ देर बाद हमें बताया गया हमारी मम्मी नहीं रही। हम दोनों बहनों के सिर से कुछ ही मिनटों में सहारा छिन गया। मम्मी की मौत हो गई और पापा अब जेल में रहेंगे। हम दोनों बहने बहुत दुखी हैं। मेरी मम्मी हमेशा घर में ही रहती थी। उनका स्वभाव बहुत अच्छा था लेकिन पापा को न जाने क्या हो गया। दोनों के बीच कभी इस तरह से झगड़ा भी नहीं हुआ, छोटे-मोटे विवाद तो हर घर में चलते हैं। मुझे बार-बार मेरी मां ही दिख रही है…चिल्लाती हुई, मेरी तरफ देखती हुई। मैं उन्हें बचा नहीं सकी, अफसोस है उन्हें मेरे पापा ने ही मारा।
(जैसा जिया वर्मा ने विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को बताया।)