काशी में बाबा काल भैरव का यूपी पुलिस की वर्दी में पहली बार शृंगार, ओमिक्रॉन खात्मे की लगाई अर्जी

विहान हिंदुस्तान न्यूज.
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब काशी में कोतवाल बाबा कालभैरव को दरोगा की वर्दी पहनाकर उनका शृंगार किया गया। काल भैरव का भगवान शिव के रौद्र रूप में पूजन होता है। इन्हें दंडाधिकारी कोतवाल की उपाधि भी मिली हुई है। इसी मान्यता के चलते उनका पहली बार इस तरह का शृंगार किया गया। काशी के कालभैरव मंदिर के पुजारियों ने उत्तर प्रदेश की पुलिस के सब-इंस्पेक्टर की वर्दी में बाबा कालभैरव का शृंगार किया गया। इस दौरान कोतवाली सजाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पंजाब में सुरक्षा में हुई चूक के मामले में उनसे इंसाफ की गुहार लगाई गई। इसके साथ ही उन्हें कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खात्मे के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया गया। ऐसी मान्यता है कि कालभैरव को ही दुनिया जहान के लोगों को दंड देने का एकमात्र अधिकार है। बाबा के आगे एक टेबल, कागज-कलम, दंड, बेल वैसा ही रखा हुआ था, जैसे थानों में कोतवाल के आगे रखा होता है। बाबा के सिर पर यूपी पुलिस की टोपी, कंधे पर तीन सितारा, यूपीपी और नेम प्लेट पर भी श्री बाबा कालभैरव जी लिखा हुआ है। बाबा के इस रूप को देखने के लिए लोगों का यहां तांता लगा हुआ है।

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