तन, खून, हड्डी सब काला, ऐसे कड़कनाथ की डिमांड देशभर से, एक केंद्र से ही 10 हजार की वेटिंग

विहान हिंदुस्तान न्यूज
बढ़ती सर्दी के साथ कड़कनाथ की मांग भी बढ़ती जा रही है। यह मुर्गों की बेहतरीन प्रजातियों में से एक मानी जाती है। इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए खाने के शौकीनों के बीच कड़कनाथ को कड़क माना जाता है। ग्वालियर के कृषि विज्ञान केंद्र में इन दिनों इन मुर्गों की वेटिंग लिस्ट काफी लंबी होती जा रही है। एक माह में इस केंद्र के पास कड़कनाथ मुर्गों की डिमांड पांच गुना से ज्यादा पहुंच रही है। यही वजह है कि यह केंद्र इनकी डिमांड को पूरी नहीं कर पा रहा है। हालात ये हैं कि केंद्र के पास कड़कनाथ के 10 हजार चूजों और मुर्गों की वेटिंग चल रही है। सर्दी बढ़ते ही देशभर में इस प्रजाति के मुर्गे की मांग जबरदस्त हो जाती है। यहां पर अलग-अलग राज्यों से भी डिमांड आती है, जिसे केंद्र पूरा नहीं कर पा रहा है।
देश का तीसरा कड़कनाथ सेंटरः
जानकारी के अनुसार ग्वालियर कृषि विज्ञान केंद्र देश का तीसरा ऐसा सेंटर है, जहां पर कड़कनाथ मुर्गों की हेचिंग की जाती है। मतलब कड़कनाथ के अंडे से चूजे तैयार किए जाते हैं और उन्हें बेचा जाता है। यहां से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात ,महाराष्ट्र और हैदराबाद से भी लोग कड़कनाथ की चूजे और मुर्गा- मुर्गी लेने पहुंचते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ साइंटिस्ट डॉ राजसिंह कुशवाह बताते हैं कि इस केंद्र में 2016 में कड़कनाथ का उत्पादन शुरू किया गया था। यहां पर झाबुआ से 200 चूजे लाकर हेचरी शुरू की गई। इसके बाद लगातार इसकी क्षमता बढ़ाई जा रही है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी पालन करने वाले लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बावजूद इसकी डिमांड पूरी नहीं की जा सक रही है। ग्वालियर कृषि विज्ञान केंद्र में इस बार जिले के 45 किसानों ने कड़कनाथ पालन के लिए आवेदन दिया है। अंचल में कड़कनाथ का उत्पादन किसानों के लिए अच्छा आय का जरिया बन रहा है। कोरोना संक्रमण काल में तो कड़कनाथ की काफी ज्यादा डिमांड रही है। जानकारों के मुताबिक कड़कनाथ में प्रोटीन तत्व 25%, फैट 0.73 से 1.03 प्रतिशत रहता है। इसके साथ ही लिनोलिक एसिड 24% और कैस्ट्रॉल 184 मिलीग्राम होता है। कड़कनाथ के चिकिन में प्रोटीन मुर्गे की अन्य प्रजातियों से ज्यादा जबकि फैट और कैस्ट्रोल कम होता है। अच्छी मेडिसिनल वैल्यू की वजह से इसमें बीमारियां भी नहीं होती है। कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति का खून काले रंग का होता है, इसके अलावा मांस और हड्डियां भी काली होती है।

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