पाकिस्तान में भारत के मोस्ट वांडेंट आतंकी कैसर फारूख की हत्या, शक भारतीय एजेंटों पर…हाफिज सईद का खास था कैसर
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कैसर फारूख
विहान हिंदुस्तान न्यूज
एक तरफ जहा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो संसद में भारतीय एजेंटों के कनाडा में आकर खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या की बात कह रहे हैं वहीं पाकिस्तान में दुनिया के खूंखार आतंकवादी हाफिज सईद भी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर छिप रहा है। ताजा घटनाक्रम कराची से ही है जहां भारत का मोस्ट वाटेंड आतंकवादी कैसर फारूख मारा गया। 30 वर्षीय कैसर हाफिज सईद का खासा माना जाता था और इसे कराची में ही कुछ अज्ञात लोगों ने गोलियों से भून दिया।
कराची के ईदी सेंटर के पास गुलशन-ए-उमर मदरसा में कैसर फारूख पर कुछ हथियारबंद लोगों ने एकाएक हमला कर दिया। ये लोग इतनी तेजी से आए और हमला करके गायब हो गए कि कैसर फारूख के साथ चल रहे लोग भी सकते में आ गए। कैसर फारूख के साथ एक 10 वर्षीय बालक शाकिर घायल हो गया जिसे समीप के अब्बासी शहीद अस्पताल में भर्ती कराया गया। कैसर की पीठ पर गोली लगी जबकि शाकिर के चेहरे पर घाव हुए। यह हत्याकांड सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है जिसे पाकिस्तान की पुलिस ही नहीं बल्कि इंटेलिजेंस भी देख रही है ताकि आरोपी पकड़ा जाए।
इसलिए फैल रहा पाकिस्तान में भारतीय एजेंटों का खौफ…
पाकिस्तान में लगातार भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों व अपराधियों पर हमले हुए हैं जिसमें हाफिज सईद भी एक है। जून 2021 में लाहौर में हाफिज सईद के मकान पर ब्लास्ट हुआ जब यह आतंकी घर में था। हालांकि उस हमले में हाफिज सईद बच गया था। ऐसे ही डॉन दाऊद इब्राहिम भी घेरे में आते हुए बच गया था तब से पाकिस्तानी इंटेलिजेंस आईएसआई ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी। दाऊद भी तब से विदेशों में ज्यादा रहने लग गया। पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की दो मोटरसाइकिल सवारों ने हत्या कर दी थी। बशीर जम्मू-कश्मीर के कूपवाड़ा का रहने वाला था लेकिन पिछले 15 सालों से पाकिस्तान में रहकर भारत में आतंकवादी भेजने का काम कर रहा था। उसे हिज्बुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन का खास माना जाता था। इसी तरह खालिस्तान कमांडों फोर्स के चीफ परमजीतसिंह पंजवर को भी कुछ दिन पहले दो मोटर साइकिल सवारों ने पाकिस्तान में ही मार गिराया था। कुछ अन्य भारतीय मोस्ट वांडेंट है आतंकी भी पाकिस्तान में मारे गए जिसके बाद भारतीय एजेंटों से अन्य आतंकी खौफ खाए हुए हैं। हालांकि भारत हमेशा इस तरह के हमलों में खुद की सहभागिता का खंडन करता रहा है।