कश्मीर में हिंदू कर्मचारियों को काम पर लौटने का दबाव, वेतन रोका
मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
कश्मीर घाटी में एक तरफ हिंदू कर्मचारियों पर आतंकवादी बंदूके तानकर खड़े हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार का इन कर्मचारियों पर काम के लिए लौटने का दबाव है। सरकार ने उन कर्मचारियों का वेतन रोकना शुरू कर दिया है जो काम पर नहीं जा रहे हैं हालांकि कुछ ही कर्मचारी हैं जो भय के बीच मजबूरी में काम पर जाने लगे हैं। इन कर्मचारियों में अधिकांश वे हैं जिनके परिवार में कोई गंभीर बीमार है जिनकी दवाओं का खर्च उक्त सदस्य को उठाना है।
पिछले पांच माह से कश्मीर घाटी के अधिकांश हिंदू कर्मचारियों ने ऑफिस जाना बंद कर दिया था। यहां राहुल भट नाम के कश्मीरी पंडित को उनके ऑफिस में जाकर आतंकवादियों ने गोली मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद भी लगातार आतंकवादियों का हिंदू कर्मचारियों को मारने का सिलसिला जारी रहा जिसके बाद कर्मचारियों ने ऑफिस जाना बंद कर दिया। विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर माह का वेतन सरकार ने अब तक नहीं दिया है। कुछ कर्मचारियों को तो तीन माह से वेतन नहीं दिया गया। कर्मचारियों ने विहान हिंदुस्तान डॉटकॉम को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमें काम पर लौटने के लिए कहा जा रहा है। हमारा वेतन अब बंद कर दिया है। कहा जा रहा है जो काम पर आएगा उसे ही वेतन देंगे। इन कर्मचारियों का कहना है सरकार चाहती है कुछ हिंदू और शहीद हो। हम काम पर गए तो कोई न कोई आतंकवादियों का शिकार होगा।
मुख्य सचिव से कर्मचारियों ने की बातचीत
कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्य सचिव से मिला। कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि सुरक्षा मिलेगी तो वे ऑफिस जाकर काम करेंगे। जम्मू स्थानांतरण को लेकर भी मुख्य सचिव से उनकी बातचीत हुई। मुख्य सचिव ने जल्द ही हिंदुओं की समस्या के समाधान की बात कही। उधर, भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इन कर्मचारियों की परेशानियों को हल करने की बात कही है।