खरगोन दंगों की तस्वीरे अब धीरे-धीरे आने लगी बाहर

विहान हिंदुस्तान न्यूज

10 अप्रैल को रामनवमी के दिन देश के कुछ शहरों में सांप्रदायिक हिंसा हुई लेकिन म.प्र. का खरगोन लगातार सुर्खियों में है। इसके पीछे कारण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को कमजोर करना है। लगातार उनके निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं जिसमें दंगा करने वालों के मकान तोड़ने का मुद्दा मुख्य है। एक तरफ उनपर सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ शिवराज ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने अनुसूचित जाति के लोगों के मकान जलाए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न करें? उन्होंने यह भी कहा कि जिनके मकान जले हैं उनके मकान सरकार बनवाकर देगी और इसका पैसा उन दंगाईयों से वसूलेगी जिन्होंने ये आग लगाई है। उधर, दंगे के कुछ फोटो व वीडियो सामने आए हैं जिन्हें खुलकर दिखाया जा रहा है ताकि लोगों को स्पष्ट हो जाए कि दंगा किसने किया।

कुछ अफसरों की यह रणनीति बताई जा रही है जिसमें वे उन लोगों के फोटो व वीडियो अघोषित रूप से जारी करवा रहे हैं जिसमें दंगा करने वालों को साफ-साफ देखा जा रहा है। जो फोटो जारी हो रहे हैं उसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को सामने लाया जा रहा है जो पत्थरबाजी या पेट्रोल बम फेंक रहे हैं।

ये बात तब सामने आने लगी जब म.प्र. सरकार पर दबाव बढ़ने लगा। भोपाल में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी मिले और उन्हें एक तरफा कार्रवाई न किए जाने की बात कही। हालांकि गृह मंत्री ने इस प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट किया कि एकतरफा कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा यदि दूसरे पक्ष द्वारा किए गए हमलों के फोटो व वीडियो आपके पास हों तो जरूर प्रशासन को दे ताकि उन लोगों पर कार्रवाई की जा सके। खरगोन में कई लोग पुलिस थानों पर जाकर अपने साथ हुई घटना या उनके द्वारा खींचे गए फोटो या बनाए गए वीडियो को पुलिस को सौंप रहे हैं। पुलिस मुस्लिम समुदाय से भी जानकारी ले रही है कि उनके ऊपर किसी ने हमला किया हो तो उसकी जानकारी भी वे दे। कुछ मामलों में तो अधिकारी यहां तक बोलते दिखे कि आपको यदि प्रशासन पर विश्वास न हो तो अपने साथ हुई घटना को सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दे लेकिन उन लोगों के नाम मय सबूत तो बताए जिनपर वे आरोप लगा रहे हैं।

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