गौतम अडानी का अपहरण और 15 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग के बारे में जाने

विहान हिंदुस्तान न्यूज

गुजरात से प्लास्टिक का बिजनेस शुरू करते हुए देश-विदेश ख्यात हुए गौतम अडानी इन दिनों परेशानियों में चल रहे हैं। उनके शेयरों के दाम लगातार गिर रहे हैं वहीं उनकी कंपनी द्वारा लाया गया 20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ भी वापस लेना पड़ा। लेकिन आपको पता है इन्हीं गौतम अडानी को किसी समय अपहरणकर्ताओं के चुंगल में रहना पड़ा था और उन्हें छोड़ने के ऐवज में 15 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। अडानी छूटे कैसे यह तो रहस्य है लेकिन पुलिस महकमे में चर्चा इस बात की रही कि 5 करोड़ रुपये फिरौती के रूप में उत्तर प्रदेश की बबलू श्रीवास्तव गैंग को दिए गए थे। अडानी इतने डर गए थे कि अपहरकर्ताओं के खिलाफ उन्होंने गवाही तक नहीं दी जिससे सभी आरोपी छूट गए।

यह अपहरण की घटना 1 जनवरी 1998 की शाम की बताई जाती है जब गौतम अडानी अपने एक करीबी शांतिलाल पटेल के साथ कार से जा रहे थे। अडानी और पटेल अहमदाबाद के कर्णावती क्लब से निकलकर मोहम्मदपुरा रोड की तरफ जा रहे थे तभी एक स्कूटर उनकी कार के सामने आकर रूक गया। इससे अडानी की कार को भी रूकना पड़ा। इतने में समीप ही एक वैन आकर रूकी और उसमें से 6 लोग निकले। इन्होंने अडानी बंदूक की नोंक पर अडानी और पटेल दोनों को वैन में बैठा लिया। अपहरण करके इन दोनों को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया जो अहमदाबाद में ही थी। बताया जाता है यह कोई फ्लैट था जहां इन्हें रखा गया था। अपहरण वाले दिन गुरुवार था। अडानी को सुरक्षित छोड़ने के लिए अपहरणकर्ताओं ने 15 करोड़ रुपये फिरौती के रूप में मांगे थे। इस अपहरण को लेकर अहमदाबाद के सरखेज पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।

उस जमाने में इतनी बड़ी रकम जुटाना कुछ मुश्किल होता था क्योंकि तब बड़े नोट नहीं थे। अडानी ने भी अपहरकर्ताओं को समझाया कि पैसा इकट्ठा करने के लिए बैंक जाना होगा जिसे अपहर्ताओं ने माना भी। उत्तर प्रदेश कैडर के एक आईपीएस अधिकारी राजेश पांडेय ने अडानी के संबंध में एक मीडिया संस्थान को बताया था कि बबलू श्रीवास्तव गैंग ने 5 करोड़ रुपये लेकर गौतम अडानी को छोड़ा था। 5 करोड़ रुपये की रकम दुबई में इरफान गोगा को दी गई थी जो उस समय बबलू श्रीवास्तव गैंग से जुड़ा था। फिरौती की रकम हवाला के जरिए भेजी गई थी। गुरुवार को अडानी का अपहरण हुआ था और शनिवार को उन्हें रिहा कर दिया गया था। आपको बता दें अडानी के कुछ आरोपी साल 2018 में दोषमुक्त हुए क्योंकि अडानी ने अपहरणकर्ताओं की पहचान ही नहीं की। वे कोर्ट में एक बार भी गवाही देने नहीं पहुंचे थे। न्यायालय ने भी साक्ष्य की कमी के आधार पर आरोपियों को बरी किया।

बबलू ने आडवाणी के करीबी का भी अपहरण का प्रयास किया

बताते हैं गौतम अडाणी के अपहरण और फिरौती की राशि मिलने की योजना सफल होने के बाद बबलू श्रीवास्तव ने 1998 में ही 6 सितंबर को एक अन्य करोड़पति नमक व्यवसायी बाबू भाई सिंघवी के अपहरण का प्रयास किया। बाबू भाई को भी कार के आगे स्कूटर लगाने की योजना थी लेकिन इसकी भनक उन्हें लग गई। वे अपनी कार भीड़भाड़ वाले इलाके में ले गए जिससे अपहरण से बच गए। ये गुजरात के भुज की बात है। बाबू भाई देश के तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी के करीबी माने जाते थे। इस अपहरण की साजिश के बाद पुलिस सक्रिय हो गई थी। असल में बबलू श्रीवास्तव पूर्व में दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता था लेकिन मुंबई में ब्लॉस्ट की साजिश रचने के आरोप में जब दाऊद का नाम आया तब बबलू उससे अलग हो गया था। उस समय बबलू उत्तर प्रदेश, बिहार, नेपाल, दिल्ली आदि राज्यों में सक्रिय था और उसने 15 से ज्यादा बड़े अपहरण किए थे।

मुंद्रा पोर्ट से जुड़े तो आया बड़ा उछाल

गौतम अडाणी के बारे में कहा जाता है वे साल 1998 तक गुजरात के बड़े कारोबारी बन चुके थे। उन्होंने बड़े भाई के प्लास्टिक के व्यवसाय से जुड़कर साल 1988 से 1992 तक इम्पोर्ट का कारोबार किया जो 100 टन से कई गुना बढ़कर 40 हजार टन पहुंच गया था। इसके बाद अडाणी ने निर्यात में भी हाथ आजमाया और उन्हें बड़ी जल्दी ही सफलता भी प्राप्त हुई। वे बड़े एक्सपोर्टर बन गए और लगभग हर सामान का निर्यात करने लगे। बाद में मुंद्रा पोर्ट से जुड़ने के बाद अडाणी के कारोबार में बड़ा उछाल आया और वे लगातार कारोबार में तरक्की करते गए।

You may have missed

ArabicChinese (Simplified)DutchEnglishFrenchGermanGujaratiHindiItalianMalayalamMarathiNepaliPortugueseRussianSpanishUkrainianUrdu

You cannot copy content of this page