कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसान संगठनों की चुनाव लड़ने की तैयारी
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विहान हिंदुस्तान न्यूज.
नए कृषि कानूनों को बनाए जाने के बाद सड़कों पर उतरे किसानों के आंदोलन को राजनीतिक मंशा बताए जाने के आरोप लगते रहे हैं और यह अब साबित भी होने जा रहा है। इस आंदोलन में हिस्सा लेने वाले 32 संगठनों में से 22 संगठनों ने पंजाब में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। नए राजनीतिक पार्टी का नाम संयुक्त समाज मोर्चा होगा। इस मोर्चे का दावा है कि वह सभी 117 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारेगी। पार्टी का चेहरा बलवीर सिंह राजेवाल होंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी अपनी पार्टी पहले ही बना चुके हैं और वो 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर चुके हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में कुछ और संगठन उनके साथ आ जाएं। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने संयुक्त संघर्ष पार्टी नाम से राजनीतिक दल बनाया है। उनकी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव में 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। चढूनी का कहना है कि राजनीति दूषित हो चुकी है, इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत है। मोर्चा की 9 सदस्यीय समन्वय समिति के नेता जगजीत सिंह डल्लेवालव डॉ. दर्शनपाल का कहना है, संयुक्त किसान मोर्चा जो देशभर में 400 से अधिक विभिन्न वैचारिक संगठनों का एक मंच है, जो केवल किसानों के मुद्दों पर बना है। न तो चुनाव के बहिष्कार की कोई बात है और न ही चुनाव लड़ने की कोई समझ बनी है। उन्होंने कहा कि इसे लोगों ने सरकार से अपना अधिकार दिलाने के लिए बनाया है। दिल्ली में किसानों का आंदोलन एक साल तक चला और मांगें पूरी हो जाने के बाद किसान लौट चुके हैं। सवाल खड़े हो रहे हैं कि राकेश टिकैत और चढूनी कहां हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही कह दिया है कि राकेश टिकैत चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। राकेश टिकैत अब तक चुनाव लड़ने के सवाल के किसी संभावना को नकारते रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों के विरोध को ‘राजनीतिक धोखाधड़ी’ करार दिया था। पीएम मोदी ने ‘ओपन’ मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘कई राजनीतिक दल हैं, जो चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करते हैं, उन्हें घोषणापत्रों में भी डालते हैं। फिर, जब वक्त आता है वादा पूरा करने का तो यही दल यू-टर्न ले लेते हैं और अपने ही किए वादों को लेकर हर तरह की मनगढ़ंत और झूठी बातें फैलाते हैं।