तीन नए कृषि कानून निरस्त करने का प्रधानमंत्री का ऐलान, टिकैत ने कहा, मुझे मोदी पर विश्वास नहीं, आंदोलन जारी रहेगा

विहान हिंदुस्तान न्यूज.
लंबे समय से नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों को बड़ी राहत मोदी सरकार ने दी है। उन्होंने किसानों से माफी मांगते हुए इस कानून को वापस लिए जाने का ऐलान किया। उधर किसानों के आंदोलन के अगुवा रहे राकेश टिकैत ने कहा, वो तब तक नहीं लौटेंगे, जब तक इसे संसद में रद्द नहीं किया जाता है। शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होना है। यह स्पष्ट किया गया है कि कृषि के तीनों कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया है और इसे निरस्त कराने के लिए संसद में बिल पास कराना होगा।
उल्लेखनीय है किसान पिछले साल नवंबर से इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में इस कानून को निरस्त करने की घोषणा की।
जिन तीन कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी वो ये हैंः
1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों को अमल में लाने के लिए रोक लगा रखा थी। इस पर कोर्ट ने जनवरी 2021 में फैसला दिया था। वहीं, किसान इस कानून को निरस्त करने पर अड़े हुए थे।
मोदी ने भारी मन से कहा, हम किसानों को अपनी बात नहीं समझा पाए। हमारी नीयत साफ थी, पवित्र थी, लेकिन शायद हम उन्हें समझा नहीं पाए। हमारी तपस्या में कहीं कोई कमी रह गई।
उधर, प्रधानमंत्री के ऐलान के बावजूद ऑल इंडिया किसान सभा नरमी बरतने के मूड में नहीं दिख रहा है। सभा ने कहा, जब तक एमएसपी एक्ट पास नहीं होगा, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। इसके लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा। 26 नवंबर को किसान का आंदोलन को एक साल हो जाएगा। उस दिन पूरे देश में लाखों किसान सड़कों पर उतरेंगे। टिकैत ने कहा, मुझे मोदी पर विश्वास नहीं है। उन्होंने 15-15 लाख रुपये देने का भी ऐलान किया था।

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