शेर का नाम अकबर, शेरनी का नाम सीता…मामला पहुंचा हाईकोर्ट

सांकेतिक फोटो

विहान हिंदुस्तान न्यूज

कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष एक अलग तरह का मामला आया है। यह मामला शेर और शेरनी के नाम से जुड़ा है जिसे विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने उठाया है। असल में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के नार्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल पार्क में शेर का नाम अकबर है जबकि शेरनी का नाम सीता है। वीएचपी का आरोप है कि सीता नाम रखना सनातन धर्म से जुड़ी भावनाओं को आहत करता है। इस मामले में 20 फरवरी को जस्टिस सौगत भट्टाचार्य सुनवाई करेंगे।

सिलीगुड़ी के नार्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल पार्क में जो शेर व शेरनी लाए गए हैं वह त्रिपुरा के सिपाहीजाला चिडि़याघर से आए हैं। कुछ 8 जानवरों को यहां लाया गया है। शेर सात साल आठ महीने का है जबकि शेरनी पांच साल छह महीने की है। इन दोनों को फिलहाल अलग-अलग बाड़े में रखा गया है। विवाद यह उठा कि वीएचपी का कहना है जानवरों की अदला-बदली के बाद सिलीगुड़ी एनिमल पार्क ने शेरनी का नाम सीता और शेर का नाम अकबर रख दिया जो सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। इस मामला में वीएचपी के प्रतिनिधियों ने अधिकारियों से मुलाकात कर अपना विरोध भी दर्ज कराया है। जलपाईगुड़ी से वीएचपी के कार्यकर्ता दुलाल चंद्र राय ने मीडिया को बताया कि ऐसा करके उन्होंने सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। हम कई अधिकारियों से मिले लेकिन हमारी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई जिसके कारण हमें न्यायालय का रूख करना पड़ा।

उधर, पश्चिम बंगाल के वन मंत्री बीरबाहा हांसदा का कहना है ये कहना गलत है कि ये नाम हमने दिए हैं। ये जानवर त्रिपुरा चिडि़याघर से लाए गए हैं। हो सकता है उन्होंने वहां पर इनके नाम दिए हों। इस पूरे मामले में राजनीति की जा रही है।

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