खूंखार भालू और भेड़ियों वाले जंगल में पहुंच गई एक साल की बच्ची, तीन दिन रही फिर..


विहान हिंदुस्तान न्यूज


रूस में एक अजीबों-गरीब मामला हुआ। यहां एक साल की बच्ची ल्यूडा कुजिन खेलते-खेलते जंगलों में निकल गई। जब उसकी मां को पता चला तो बच्ची को ढूढ़ा जाने लगा। चूंकि जिस जंगल में बच्ची गई थी वह खूंखार भूरे भालुओं व भेड़ियों से भरा पड़ा रहता है। करीब 500 लोगों की टीम तीन दिन तक घने जंगलों में ल्यूडा को तलाशती रही। जब दल थककर ल्यूडा की उम्मीद खो चुके तब जंगलों में पेड़ों के बीच से उसकी रोने की आवाज सुनाई दी तो सभी ने इस चमत्कार से खुशी जताई।
यह घटना है स्मोलेंस्क क्षेत्र के ओबिंस्क के समीप जंगलों की। एक दिन ल्यूडा घर के बाहर बगीचे से खेलते-खेलते जंगलों की तरफ निकल पड़ी। घर के बाहर कोई बाउंड्रीवाल या तार नहीं थे तो ल्यूडा को बाहर जाने में कोई परेशानी भी नहीं हुई। चूंकि उसकी मां कुछ काम कर रही थी तो उनका ध्यान ल्यूडा की तरफ से जरा सी देर के लिए हट गया। बस फिर क्या था यह घटना घट गई। जैसे ही ल्यूडा को बगीचे में मां ने न पाया तो उसने तुरंत ही रेस्क्यू टीम की मदद ली। रेस्क्यू टीम के करीब 500 सदस्य जंगलों में पहुंच गए। तीन दिन तक ल्यूडा की ढूंढ़ मचती रही लेकिन उसका कोई सुराग भी नहीं मिल रहा था। चूंकि जंगल में खतरनाक भूरे भालू व भेड़िये थे तो रेस्क्यू टीम ने ल्यूडा के मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी। यहां जहरीले सांप के अलावा अन्य जहरीले जानवर भी थे तो किसी ने भी चमत्कार की उम्मीद भी नहीं की। एक टीम थककर जब आराम कर रही थी तब इस चमत्कार का पता चला। कुछ सदस्यों को बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो लगा भ्रम है लेकिन जब आवाज के करीब जाने लगे तो पता चला यह भ्रम नहीं सच्चाई है। टीम जब ल्यूडा के करीब पहुंची तो दंग रह गई। तीन दिनों तक खतरनाक जंगली जानवरों के बीच रहने वाली ल्यूडा को खरोंच तक नहीं आई। यह जरूर है उसे कुछ कीड़ों ने काटा था। उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई। उसके मिलने से जहां मां व परिजन तो खुश हैं ही क्षेत्र के लोग भी काफी खुशियां मना रहे हैं।

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