फयाज हुसैन बने महापौर केसरी, याद रहेगा यशपाल का उरेब कलाजंग दांव
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फयाज को पुरस्कृत करते महापौर
मुनीष शर्मा, विहान हिंदुस्तान न्यूज
इंदौर में फिर एक बार कुश्ती कला को सिरमौर बनाने के लिए इंदौर नगर निगम अपने प्रयास कर रहा है। लगातार दूसरे साल महापौर कुश्ती प्रतियोगिता कराते हुए उसने इंदौर ही नहीं बल्कि म.प्र. के पहलवानों का दिल भी जीत लिया। महापौर केसरी के ओपन वर्ग (75 किलोग्राम) का खिताब फयाज हुसैन ने जीता लेकिन यशपाल ने उरेज कलाजंग दांव लगाकर अपनी जीत को यादगार बना दिया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव व एमआईसी सदस्य नंदकिशोर पहाडि़या तथा राजेंद्र राठौर ने पुरस्कार वितरण किया।
तीन दिवसीय महापौर केसरी कुश्ती प्रतियोगिता में आज शाम को फाइनल मुकाबले खेले गए हालांकि सुबह महिला वर्ग में भी काफी बेहतरीन खेल देखने को मिला। महिला वर्ग में काफी पहलवानों ने भाग लिया जो दर्शाता है इंदौर या म.प्र. की युवतियां व उनके परिजन कुश्ती खेल के प्रति कितने उत्साहित हैं। कुश्ती प्रतियोगिता में सबसे बड़ा मुकाबला पुरुष वर्ग में ओपन वर्ग का था। इसमें रेहान खान (विजय बहादुर व्यायामशाला) और फयाज हुसैन (मल्हारश्रम) के बीच खिताबी मुकाबला था। रेहान पुराना खिलाड़ी है जिसे काफी अनुभव है लेकिन जिस तरह से गद्दे पर उतरा उसे देख कर लगा रियाज-पानी में काफी कमी आ गई है। फयाज अपनी तरफ से पूरी तरह से तैयार होकर आया था जो कुश्ती में दिख भी रहा था। शुरुआती कुछ सेकंड में ही रेहान ने फयाज पर आरोप लगाया कि उसने अंगुली ऐसी मरोड़ी की वह दर्द दे रही है। डॉक्टर आए और करीब चार मिनट बाद कुश्ती फिर से शुरू हुई। रेहान ने अपने अनुभव से फयाज पर हावी होने की कोशिश की लेकिन फयाज ने उसे मौका नहीं दिया। फयाज पूरी तरह रेहान पर हावी रहा और अंक बटोरता भी गया। आखिरकार अंकों के आधार पर फयाज को जीत भी मिली।
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महापौर केसरी की सबसे अच्छी कुश्ती 70 किलोवर्ग की देखने को मिली हालांकि इसमें यशपाल पहलवान पूरी तरह हावी रहे और उन्होंने चंद मिनटों में ही हर्षवर्धन पहलवान को चित कर दिया। यशपाल ने उरेब कलाजंग (गर्दन कलाजंग) दांव मारकर हर्षवर्धन को दबा डाला। रैफरी को भी कुश्ती खत्म करने में समय नहीं लगा। यशपाल का यह दांव यादगार रहा और जनता खासकर महापौर ने भी इस कुश्ती को फिर से देखने की इच्छा जाहिर की। इस दांव को स्टेडियम में लगी स्क्रीन पर पुन: दिखाया गया। 75 किलोग्राम में बलभीम व्यायामशाला के शुभम यादव ने देपालपुर के रोहित प्रजापत को हराया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने खिलाडि़यों के साथ रैफरी व अन्य स्टॉफ को भी पुरस्कृत किया। निर्णायक समिति (कुश्ती) के प्रमुख व अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच विजय मिश्रा, वेदप्रकाश सहित अन्य ऑफिशियल्स का भी सम्मान किया गया। वरिष्ठ पहलवान नरेश वर्मा (मुन्ना पहलवान), रमेश यादव, मुन्ना बौरासी व अन्य तीनों दिन छोटे नेहरू स्टेडियम में सक्रिय रहे जिनके कार्य की सराहना भी की गई।