अब शिवराज भरेंगे कॉलेज छात्राओं की फीस, तगड़ा होगा भाजपा का वोट बैंक…प्रदेश पर बढ़ेगा कर्ज का बोझ

विहान हिंदुस्तान न्यूज

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (मामा) का ध्यान अब उन कॉलेज छात्राओं पर गया है जिनकी फीस अब तक उनके माता-पिता भरते थे। ..लेकिन अब मामा ने तय किया है कि वे म.प्र. सरकार के खजाने से इन छात्राओं की फीस जमा करवाएंगे। इस बारे में शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट भी किया है। शिवराजसिंह चौहान ने इंजीनियरिंग, आईआईटी, वकालत और मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्राओं के लिए ही अभी सरकारी खजाना खोलने की योजना बनाई है लेकिन उनके इस कदम से भाजपा का वोट बैंक जरूर तगड़ा होगा। खास बात तो यह है कि सामान्य वर्ग की छात्राओं के लिए ही यह निर्णय है क्योंकि आरक्षित वर्ग की छात्राओं की फीस तो पहले ही सरकार जमा कर रही है। कुल मिलाकर म.प्र. की जनता पर कर्ज का बोझ और बढ़ने वाला है।

खबर आ रही है कि शिवराजसिंह चौहान ने छात्राओं की फीस जमा करने का बड़ा निर्णय लिया है। हालांकि शिवराजसिंह चौहान ने यह भी कहा है कि उनकी सरकार इस बारे में ​बड़ा निर्णय लेने जा रही है यानी फिलहाल सीएम के इस निर्णय पर आगे काम होना है। शिवराज मामा ने फिलहाल क्राइटिरिया भी नहीं बताया है कि वे किन छात्राओं की फीस जमा करवाएंगे यानी आरक्षित वर्ग में उन्होंने जिस तरह के नियम बनाए हैं उसका ही इसमें भी पालन होगा या नहीं। आरक्षित वर्ग में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति के साथ ट्यूशन फीस मिलती है जो सरकार के खजाने से जाती है। अब शिवराजसिंह चौहान ने इंजीनियरिंग, आईआईटी, वकालत और मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्राओं की फीस जमा करने की बात की है तो इसमें भी काफी बाते स्पष्ट होना है। असल में जिन विषयों की बात मामा कर रहे हैं उसमें लाखों छात्राओं के एडमिशन होते हैं खासकर लॉ विषय में। हालांकि क्लेट से चयनित होने की बात उन्होंने जरूर कही है लेकिन इसमें भी काफी छात्राएं आती है। ऐसे में सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा जिसका आंकलन करना आवश्यक होगा। वैसे ही म.प्र. सरकार बड़े कर्ज में डूबी हुई है और लाड़ली बहना योजना में यह वित्तीय भार और बढ़ रहा है। ऐसे में लाखों छात्राओं की फीस जमा करना खासकर प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ने वाली छात्राओं की फीस, सरकार पर भारी पड़ सकता है।

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